- चरगावां के आईटीआई कैंपस में पांच करोड़ की लागत से तैयार हो रहा मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट

- ट्रेनिंग संचालक प्रोवाइड कराएगा गाड़ी, देना होगा निर्धारित शुल्क, अपनी गाड़ी होने पर नहीं लगेगा कोई चार्ज

GORAKHPUR: गोरखपुराइट्स को गाड़ी चलाना सीखने के लिए अब कहीं भटकना नहीं होगा और न ही इसके लिए ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे। आरटीओ विभाग की ओर से चरगांवा आईटीआई कैंपस में पांच करोड़ की लागत से मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का काम 90 परसेंट पूरा हो चुका है। उम्मीद है अगले महीने तक इसका काम पूरा हो जाएगा। इसमें लोगों को गाड़ंी चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। अगर स्कूल ट्रेनिंग संचालक गाड़ी प्रोवाइड कराते हैं तो बहुत कम फीस देनी होगी। जिनके पास गाड़ी होगी उन्हें फ्री में गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग मिल सकेगी। साथ ही ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट भी जारी होगा जिससे आरटीओ से लाइसेंस लेने में भी ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। वहीं आरटीओ की इस पहल से फर्जी सर्टिफिकेट से लाइसेंस लेने वालों पर भी लगाम कसेगी।

चार एकड़ जमीन पर बना इंस्टीट्यूट

चरगांवा आईटीआई की खाली पड़ी लगभग चार एकड़ जमीन पर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया गया है। इस ट्रेनिंग स्कूल पर कुल लगभग पांच करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चलाने के लिए टेंडर निकालेगा। टेंडर के आधार पर नामित फर्म ही इस इंस्टीट्यूट का संचालन करेगी।

टेस्टिंग ट्रैक की तरह है व्यवस्था

टीआईआरसी की तर्ज पर ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक से मिलता-जुलता ही ट्रेनिंग के लिए भी ट्रैक तैयार हो चुका है। सड़कों की जरूरत के हिसाब से ट्रैक बनाए गए हैं। सिंगल आठ एच शेप और वाई शेप का ट्रैक बना है। इसके अलावा किसी कर्व सड़क के टेल एंड से गाड़ी कैसे वापस लेनी है, यह भी दिखाया गया है।

कम फीस में मिलेगा लाभ

ड्राइविंग ट्रेनिंग के लिए परिवहन विभाग फीस भी लेगा। हालांकि अफसरों के मुताबिक यह प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के मुकाबले कम होगी। इसके अलावा जिस हिसाब से परिहवन विभाग का निजीकरण हो रहा है। ऐसे में अफसरों का मानना है कि ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को भी निजी हाथों में सौंपा जा सकता है। इसके लिए टेंडर निकला जाएगा। तय फर्म ही कार्य करेगी।

वर्जन

चरगांवा आइटीआई कैंपस में खाली जमीन पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया गया है। कार्यदायी संस्था ने 90 परसेंट काम पूरा कर लिया है। कार्यदायी संस्था द्वारा जैसे ही ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हैंडओवर होगा वैसे ही इसे चालू कराया जाएगा। उम्मीद है कि अगले महीने ट्रेनिंग स्कूल चालू हो जाएगा।

- एसपी श्रीवास्तव, एआरटीओ गोरखपुर