-पहले डेली निकलता था 600 मीट्रिक टन कूड़ा, वर्तमान में निकल रहा 350 मीट्रिक टन

- बीते जून में कूड़ा डंपिंग का विरोध, चार माह की मिली थी मोहलत, फिर भी गिरा रहे कूड़ा

GORAKHPUR:

महानगर की जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना में करीब साढ़े छह लाख थी। जबकि इस समय सिटी में 600 मीट्रिक कूड़ा निकलता था वहीं वर्तमान में ये जनसंख्या बढ़कर लगभग दस लाख हो चुकी है। लेकिन जनसंख्या बढ़ने के साथ सिटी से डेली निकलने वाला कूड़ा बढ़ने का बजाय घट गया। नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में लगभग 350 मीट्रिक टन ही सिटी से कूड़ा निकल रहा है। जो 2011 में निकलने वाले कूड़े के मुकाबले 300 मीट्रिक टन कम है। अब सवाल ये है कि कूड़ा में नगर निगम ऐसा कौन सा खेल कर रहा है कि जनसंख्या बढ़ने के साथ कूड़े का ग्राफ बढ़ने के बजाय नीचे गिरता जा रहा है। आखिर नगर निगम कम कूड़ा दर्शाकर क्या करना शो करना चाहता है।

दूसरी ओर नौसड़ के पास एकला बंधे पर कूड़ा गिराने को लेकर काफी बवाल हुआ। लोगों ने इसके लिए धरना प्रदर्शन भी किया। नगर निगम के अफसरों ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन उनके नहीं मानने पर नगर निगम प्रशासन ने उनसे चार माह की मोहलत ली। फिर भी नगर निगम इसका प्रबंध नहीं कर सका है। पार्षद प्रतिनिधि कृष्ण मोहन यादव का कहना है कि बंधे पर सबसे ज्यादा कूड़ा गिराया जाता है। जिससे आसपास के लोग प्रभावित होते है।

प्राइवेट गाडि़यां भी गिरा रही कूड़ा

नौसड़ के एकला बंधे पर नगर निगम के अलावा प्राइवेट गाडि़यां भी कूड़ा डंप कर रही है। आसपास के लोगों के विरोध करने पर नगर निगम का हवाला देते हुए कूड़ा गिरा कर चले जाते है।

इस रास्ते डेली आना जाना रहता है। कूड़ा डंपिंग होने से काफी दिक्तत होती है। बीमारी का भी खतरा रहता है। लेकिन नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

नकुल त्रिपाठी

विरोध करने पर नगर निगम प्रशासन ने कूड़ा न गिराने के लिए चार माह की मोहलत ली थी लेकिन छह माह बीत गए। चालक कूड़ा गिराकर चले जाते हैं। उस पर मिट्टी तक नहीं डालते। इसके वजह से तेज दुर्गध उठती है।

कुलदीप कुमार

नगर निगम प्रशासन ने कूड़े पर मिट्टी डलवाने और कीटनाशक दवा का छिड़काव कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन न तो मिट्टी डाली गई और न ही दवा का छिड़काव कराया।

रवि यादव

वर्जन

हम सभी के प्रयास से कूड़े का ग्राफ गिरा है। दूसरी ओर एकला बंधे के पास कूड़े पर मिट्टी गिराने तथा दवा के छिड़काव में अगर कोई कर्मचारी लापरवाही कर रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डंपिंग यार्ड के लिए जमीन भी मिल गई है।

अनिल कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त नगर निगम