- मेडिकल रोड पर नाला निर्माण में लापरवाही के चलते हादसे का शिकार हो गए नगर विधायक

- डीएम के पास पहुंचा मामला, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने गलती मान कमियां दूर करने का दिया आश्वासन

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- डीएम के पास पहुंचा मामला, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने गलती मान कमियां दूर करने का दिया आश्वासन

GORAKHPUR: GORAKHPUR: मेडिकल रोड पर नाला निर्माण में पीडब्ल्यूडी की कारगुजारी आखिर नगर विधायक पर ही भारी पड़ गई। एक दिन पहले ही काम का इंस्पेक्शन कर पीडब्ल्यूडी की पोल खोलने वाले नगर विधायक की कार ही असुरन-मेडिकल रोड पर फंस गई। इस घटना के बाद भी विभाग के नहीं चेतने पर नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल ने शुक्रवार को डीएम से इसकी शिकायत की। वहीं, लापरवाही को लेकर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने नगर विधायक, डीएम और नगर आयुक्त की उपस्थिति में निर्माण में अपनी सभी गलतियों और लापरवाहियों को स्वीकार करते हुए दुख व्यक्त किया। अधिकारियों ने समयबद्ध तरीके से सारी कमियों को दूर करते हुए निर्माण कार्य पूरा कराने का लिखित आश्वासन दिया। जिस पर नगर विधायक ने कहा कि वे अब एफआईआर दर्ज कराने की जगह क्7 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में यह विषय उठाएंगे।

गढ्डे में फंसी कार, बुलानी पड़ गई क्रेन

बता दें, बुधवार को असुरन-मेडिकल रोड का नगर विधायक और नगर आयुक्त ने निरीक्षण कर तमाम मानकों पर आपत्ति जताते हुए ठीक से कार्य करने की बात कही थी। लेकिन उसके अगले ही दिन नगर विधायक जैसे ही असुरन-मेडिकल रोड स्थित शाहपुर थाने के समीप पहुंचे तो उनकी कार मानक विपरीत निर्माणाधीन सड़क में फंस गई। थाने के पुलिस कर्मियों ने किसी तरह विधायक की कार धक्का दकर और क्रेन की मदद से निकलवाई। इस मामले में नगर विधायक ने सीएम के ओएसडी बल्लू राय के मोबाइल फोन पर शिकायत भी दर्ज कराई थी। इसके बाद शुक्रवार दोपहर क्ख् बजे वे डीएम के विजयेंद्र पांडियन के पास मामले को लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने नगर निगम की लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें लिखा था कि मेडिकल रोड का नाला मोहल्लों से आने वाले नालों से 80 सेंटीमीटर ऊंचा है और रोड बनने के बाद बहुत सी कॉलोनियों में जल जमाव होगा। इस पर डीएम ने सहमत होते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के अधिकारी संयुक्त रूप से दोनों नालों के बेस लेवल की जांच करेंगे और विभाग ऊंचे बने हुए नालों को तोड़कर फिर से बनाएगा।

नालों के कवर को लेकर भी उठी आपत्ति

नगर विधायक ने नालों के बड़े हिस्से में ह्यूम-पाइप डाले जाने और खुले नालों को पूरी तरह ढकने पर आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बड़े लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके दबाव में ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे नाले की सफाई बिल्कुल नहीं हो पाएगी और सालभर में नाला चोक होकर बंद हो जाएगा। इस दौरान यह भी तय हुआ कि सड़कों के क्रॉस और मोड़ को छोड़कर बाकी के सभी ह्यूम-पाइप खोदकर निकाल दिए जाएंगे और उनकी जगह खुले नाले बनाए जाएंगे। नालों को सिर्फ तीन मीटर की लंबाई में ही कवर किया जाएगा। शेष स्थानों पर उठा सकने वाले ढक्कन लगाए जाएंगे। नगर विधायक की मांग पर यह भी तय हुआ कि नालों के मिलने की जगह पर नॉन-रिटर्निग वॉल्व लगवाए जाएं। जिससे नाले का पानी मोहल्लों में वापस न जा पाए।

नए सिरे से बनेगा नाला

डीएम के साथ हुई इन सभी बातों में यह भी तय हुआ कि नाला मेडिकल कॉलेज पर समाप्त होने की जगह झुंगिया गांव के मोड़ तक बढ़ाया जाएगा। निर्माण के दौरान धूल पर नियंत्रण के लिए नियमित रूप से पानी से नमी कराई जाएगी और टुकड़े-टुकड़े में बेतरतीब तरीके से नाले बनाने की जगह एक सिरे से नाला बनाया जाए। नगर विधायक ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि क्भ् तारीख को युद्धस्तर पर हड़हवा फाटक से एचएन सिंह चौराहे तक नाले की सफाई कराए जाए। इस दौरान डीएम के साथ नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल, नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह, नगर निगम के चीफ इंजीनियर सुरेश चन्द्र, उप नगर आयुक्त अवनीन्द्र सिंह, लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार तथा सहायक अभियंता राजेश कुमार और अवर अभियंता उपस्थित रहे।

तय हुई इन कामों की टाइम लाइन

निर्माणाधीन सड़क पर ठीक से पानी का फ्लो क्ब् दिसंबर से

संयुक्त टीम द्वारा नालों की लेवल चेकिंग - ख्0 दिसंबर तक

कनेक्टिंग रोड पर मोटरेबुल सुरक्षित रास्ता - ख्0 दिसंबर तक

सभी मोड़ पर पथ प्रकाश की व्यवस्था - ख्0 दिसंबर तक

अनावश्यक ह्यूम पाइप खोदकर निकालना क्भ् जनवरी ख्0ख्0 तक

नालों का पूरा निर्माण - फरवरी ख्0ख्0 तक

पूरी सड़क - मार्च ख्0ख्0