गोरखपुर ब्यूरो। सोशल मीडिया पर दिनभर लता दीदी छाई रहीं। जहां ट्विटर पर 'लता दीदी ट्रेंड करता रहा। वहीं, उसकी वॉल पर भी सुबह से ही उनके चले जाने के मैसेज ही नजर आए। फेसबुक और वॉट्सएप पर स्टेटस लगातार भी लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका गाया 'ऐ मेरे वतन के लोगों, कोरा कागज था ये मन मेरा, तुम आ गए हो तो नूर आ गया है 'प्यार को हो जाने दो, प्यार में, 'दीदी तेरा देवर दीवाना जैसे सांग भी सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रिब्यूट देते हुए खूब शेयर किए गए।

संगीत प्रेमियों ने अर्पित किए श्रद्धासुमन

भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर डॉ। अशोक कुमार श्रीवास्तव फैंस क्लब द्वारा क्रॉस द माल के सभागार में उनकी प्रतिमा के सम्मुख श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। संगीत प्रेमी मजीत कुमार (सप्पू बाबू) व मनीष चंद्र श्रीवास्तव मनीष ने कहा, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन के साथ संगीत के एक युग का अंत हो गया। इस मौके पर रमेश चंद्र श्रीवास्तव, इंजीनियर रंजीत कुमार श्रीवास्तव, राहुल सिंह, केतन गुप्ता, स्नेहा गुप्ता, अंकिता तिवारी, आकांक्षा दीक्षित आदि उपस्थित थे।

लता दीदी को दी स्वरांजलि

सरसरंग संगीत संकुल की ओर से वर्चुअल मोड में श्रद्धांजलि सभा ऑर्गनाइज की गई। इसमें स्वर कोकिला लता मंगेशकर को याद किया गया। संगीत विशेषज्ञ डॉ। शरदमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में गीत गाकर शब्द श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर डॉ। रुचि गुप्ता, अमृता पांडे (अमेरिका) डॉ। सरोजिनी श्रीवास्तव, आशा श्रीवास्तव, भारती श्रीवास्तव, लक्ष्मी प्रिया, नीरा मिश्रा, संगीता दुबे, प्रतिमा श्रीवास्तव, क न्हैया श्रीवास्तव, प्रणव श्रीवास्तव, डॉ। संदीप वर्मा, डॉ। विनीता सिंह, संगीता खरे, डॉ। शालिनी, अमृता चतुर्वेदी, निधि निगम, मीतू दत्ता, संगीता शुक्ला, सुनीता पांडेय, अंविता मिश्र आदि शिष्यों और कला साधकों ने लताजी की अनेक रचनाओं से स्वरांजलि अर्पित की।

कलाकारों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

इंदिरा तिराहे पर गोरखपुर के कलाकारों ने स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर 500 दीप जलाकर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। भोजपुरी एसोशिएशन ऑफ इंडिया ने किया। संचालन शिवेंद्र पांडे व आभार ज्ञापन राकेश श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर वरिष्ठ कलाकार महमूदुल हक अंसारी, साहिल श्रीवास्तव, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद पाठक, विजय शंकर विश्वकर्मा, कुंदन वर्मा, पूर्णिमा शर्मा, अजय शर्मा, धीरज सिंह, कन्हैया श्रीवास्तव, सुमन वर्मा, शादाब अहमद, अंजना लाल, अविका श्रीवास्तव, भाई के क्षेत्रीय निदेशक डॉ। रूप कुमार बनर्जी, भाई के संरक्षक पुष्पदन्त जैन, डॉ सुरेश, सुभाष दुबे, कनक हरि अग्रवाल, राकेश मोहन, काशी नरेश चौबे सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

स्वर कोकिला के निधन की खबर सुनी। काफी दुख हुआ। वह हर एरा के यूथ की फेवरेट सिंगर रही हैं। उनका चले जाना म्यूजिक लवर्स के लिए काफी दुखद है। उनकी कमी कभी भी पूरी नहीं की जा सकती।

- बच्चूलाल, सेवानिवृत्त अधिकारी दूरदर्शन

लता जी की जादुई आवाज सदा के लिए खामोश हो गई। इस गैप को कोई नहीं भर पाएगा। संगीत ही नहीं पूरी दुनिया को लता जी पर नाज है। उनकी आवाज के जरिए उनको देश हमेशा ही याद रखेगा।

- राकेश श्रीवास्तव,

नाद ब्रम्ह की सर्वोत्कृष्ट उपासक, दो शताब्दियों के बीच अपनी पवित्र आवाज से जन-जन को संतृप्त करने वाली लता जी नादब्रम्हलीन हो गईं। लता दीदी देश, काल, भाषाओं की सीमाओं से परे शास्त्रीय, सुगम और लोक संगीत में एक अनूठा प्रतिमान स्थापित कर गईं, जो सदियों तक अक्षुण्य रहेगा।

- डॉ। शरद मणि त्रिपाठी, संगीत विशेषज्ञ