- नागदेवता का पूजन-अर्चन कर की जाएगी सुख-समृद्धि की कामना GORAKHPUR:

नागपंचमी का पर्व जिले में शुक्रवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। नागपंचमी के दिन घर-घर नाग देवता व महादेव की पूजा-अर्चना की जाएगी। साथ ही नाग देवता से सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी। नागपंचमी की तैयारी भक्तों ने कर ली है।

आचार्य शरद चंद मिश्र ने बताया, हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी मनाई जाती है। 13 अगस्त (शुक्रवार) को नागपंचमी है। इस बार अमृत नामक महा औदायिक के दिन नागपंचमी है। शुक्रवार के दिन हस्त नक्षत्र का होना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सांध्य योग दिन में 3 बजकर 41 मिनट तक है। नागपंचमी के दिन सूर्योदय 5 बजकर 31 मिनट पर और पंचमी तिथि का मान दिन में एक बजकर 46 मिनट, हस्त नक्षत्र भी सुबह 9 बजकर 5 मिनट, पश्चात चित्रा नक्षत्र तथा इस दिन अमृत नामक महा औदायिक योग भी है। दिन में साध्य और शुभ दोनों योग है।

नागपंचमी का महत्व

हिंदू धर्म में मान्यता है कि सर्प धन की रक्षा करते हैं। धन संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्मा अर्थात शिवलिंग स्वरूप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही धनलक्ष्मी का फल भी मिलता है।

नागपंचमी की पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता है कि देवताओं व असुरों के बीच समुद्र मंथन के समय विष भी निकला था। लेकिन विष का कोई सेवन नहीं करना चाहता है। ब्राह्माणों की रक्षा के लिए भगवान शिव ने विष का सेवन किया। विष का सेवन करते समय कुछ बूंदें समुद्र में गिर गईं। जिसका सर्प ने सेवन कर लिया। इससे सर्प विषैले हो गए। सर्पदंश से बचने के लिए नागदेवता की पूजा की जाती है।