गोरखपुर (ब्यूरो)।यह जानकारी देते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ। नागेन्द्र वर्मा ने बताया कि इन अधपके फास्ट फूड में जानलेवा क्रीमी टेपवर्म रहता है। जो कि पेट के जरिए रक्त प्रवाह से दिमाग तक चला जाता है। इसके कारण दिमाग में गाठें पड़ जाती है। खून की धमनियों को ब्लॉक कर देता है। दिमाग की नसों को पंक्चर कर देता है। इससे ब्रेन हेमरेज भी हो सकता है।

बीआरडी में पहुंच रहे हैं मरीज

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जन डॉ। सतीश नायक ने बताया कि ओपीडी में आठ से 10 फीसदी मरीज मिर्गी की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इन मरीजों में सबसे ज्यादा टीनेजर्स व यंगस्टर्स इसकी चपेट में हैैं। गोरखनाथ अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ। सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि टेपवर्म सब्जियों में पाया जाता है। सबसे ज्यादा यह पत्तागोभी, पालक और फूलगोभी में सबसे ज्यादा मिलता है। फास्ट फूड में प्रयोग की जाने वाली सब्जियों को पूरी तरह पकाया नहीं जाता। इस वजह से टेपवर्म भोजन के साथ शरीर में प्रवेश कर जाता है।

सीटी स्कैन से पता चलता है

वहीं न्यूरो सर्जन डॉ। अश्वनी मिश्रा ने बताया कि इसके मरीज सिर में तेज दर्द, झटके की शिकायत लेकर अस्पताल की ओपीडी में पहुंचते हैं। मरीजों को कई बार मिर्गी की तरह के दौरे पड़ते हैं। उनकी वह अचेत हो जाते हैं। दिमाग के सीटी स्कैन में इसका पता चलता है। दिमाग में टेपवर्म के कारण गाठें बन जाते हैं। जिनको दवाओं व सर्जरी कर निकाला जाता है। कई बार यह दिमाग को स्थाई तौर पर क्षतिग्रस्त कर देता है।

दिमाग पर होता है हमला

डॉ। सतीश नायक ने बताया कि टेपवर्म का सबसे पहला हमला आंतों पर होता है। इसके बाद यह रक्त प्रवाह के जरिए नसों के माध्यम से दिमाग तक पहुंच जाता है। टेपवर्म से आंतों को होने वाला संक्रमण आमतौर पर घातक नहीं होता। जबकि दिमाग पर इसके संक्रमण के कारण मरीज की मौत तक हो सकती है।