-करोड़ों रुपए की लागत से बना था नौसड़ बस अड्डा

-नहीं रुकती यहां पर रोडवेज की बसें

-पूछताछ केन्द्र पर पसरा रहता सन्नाटा

GORAKHPUR: गोरखपुर में बस अड्डों की बात करें तो केवल नौसड़ बस स्टेशन ही ऐसा है जिसे शासन की मंशा के हिसाब से तैयार किया गया है। करीब 2.84 करोड़ की लागत से तैयार नौसड़ बस अड्डा बनने के कुछ ही दिन बाद वीरान हो गया है। बताया गया था कि यहां से प्रयागराज, वाराणसी और आजमगढ़, मऊ के लिए पैसेंजर्स बस पकड़ सकेंगे। लेकिन इस बस अड्डे पर कोई बस नहीं आ रही है। जिससे यहां हमेशा सन्नाटा पसरा रहता है।

बस अड्डे का सीएम ने किया उद्घाटन

अगस्त माह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बस अड्डे का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने वाराणसी के लिए एक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। सीएम ने परिसर के अंदर पौधरोपण भी किया ताकि बस अड्डा हरा भरा रहे। लेकिन कुछ ही दिन में जिम्मेदारों की लापरवाही से इस बस स्टेशन पर सन्नाटा पसर गया।

यहां से चलनी थी बसें

नौसड़ बस अड्डे से इलाहाबाद, वाराणसी रूट के लिए बसें चलनी थी। इस स्टेशन से ही पैसेंजर्स को आराम से बसें मिल जाएगी ऐसा कहा गया था। लेकिन यहां से बसों का चलना तो दूर राप्तीनगर डिपो से निकल कर बसें रूक भी नहीं रही हैं। जिससे पैसेंजर्स भी यहां आना छोड़ दिए हैं। पूरे बस अड्डे पर इस समय सन्नाटा पसरा रहता है।

पूछताछ केन्द्र भी खाली

गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया कि नए बस अड्डे का पूछताछ केन्द्र खाली था। अंदर झांकने पर केवल खाली कुर्सियां दिखाई देती हैं। कुल मिलाकर यहां पर दो कर्मचारी ही दिखे। रोडवेज की बसों का लोकेशन बताने के लिए लगे डिसप्ले पर भी अंधेरा छाया है। सीएम द्वारा लगाए गए पौधे भी अब सूखने लगे हैं।

नहीं लगाते दुकान

बस अड्डा बनने की जानकारी के बाद से ही यहां के लोग काफी खुश थे। इसी बहाने उन्हें यहां से रोजगार मिल सकेगा उन्होंने ये सोचा था। लेकिन एक दिन भी बस के ना रूकने से दुकान लगाने वाले भी पतली गली से निकल लिए। बसों के ना आने से यात्री भी इस बस अड्डे से अब मुंह फेरने लगे हैं।

स्टेशन से चलनी थी यहां के लिए बस

प्रयागराज

वाराणसी

मऊ

गाजीपुर

आजमगढ़

बड़हलगंज

वर्जन-

ऐसा नहीं है। वहां पर बस रूकती है। कर्मचारी भी तैनात हैं। अगर वहां पर बसें नहीं रूक रही हैं तो मैं इसका पता लगवाता हूं।

डीवी सिंह, आरएम गोरखपुर रीजन