गोरखपुर (ब्यूरो)। ट्रांसपोर्ट कैटेगरी में ही दूसरी पोजीशन नार्थ सेंट्रल रेलवे प्रयागराज को मिली है। वहीं, एसडब्ल्यूआर और एसईसीआर को सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट का अवार्ड दिया जाएगा। लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को भी मेरिट सर्टिफिकेट मिलेगा।

57 परसेंट से ज्यादा बचाई एनर्जी

रेलवे के संचालन में काफी एनर्जी कंज्यूम होती है। इसके अलावा बड़ा सेटअप होने की वजह से भी खूब एनर्जी की खपत होती है। इसके बाद भी एनई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने एनर्जी कंजर्वेशन के तमाम तरीकों को अपनाकर 57 परसेंट से ज्यादा एनर्जी बचाई है, जिसकी वजह से उन्हें ट्रांसपोर्ट कैटेगरी में देश में सबसे पहली पोजीशन हासिल हुई है। वहीं, सेकेंड पोजीशन पर काबिज हुए एनसीआर ने 54 परसेंट इलेक्ट्रिसिटी सेव करते हुए अपनी जगह पक्की की है।

इलेक्ट्रिफिकेशन का मिला फायदा

एनई रेलवे में इलेक्ट्रिफिकेशन पर जोर है। जीएम विनय कुमार त्रिपाठी की पहल पर एनईआर के जिम्मेदार इस कोशिश में लगे हैं कि जल्द से जल्द इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लिया जाए। इस फोकस का फायदा उन्हें नेशनल अवॉर्ड हासिल करने में हुआ है। एनई रेलवे का अब तक 75 परसेंट इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा हो चुका है। इसकी वजह से डीजल इंजन का इस्तेमाल कम हुआ है और रेलवे में एनर्जी कंजर्वेशन बेहतर हुआ है। इतना ही नहीं सोलर पैनल लगाकर भी रेलवे ने काफी एनर्जी वेस्ट होने से बचाई है और इसका सदुपयोग करते हुए रेलवे को फायदा भी पहुंचाया है।

यूं उठाए हैं स्टेप -

- रेल खंडों का इलेक्ट्रिफिकेशन।

- ट्रेन चलाने के लिए डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन का इस्तेमाल।

- रेलवे आवासों, स्टेशन और ऑफिसेस में सेंट परसेंट एलईडी लाइट का इस्तेमाल।

- इलेक्ट्रिक इंजन में भी 34 गाडिय़ों में हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) कोच का इस्तेमाल।

- गोरखपुर स्टेशन की वॉशिंग पिट पर पॉवर कार की टेस्टिंग के लिए 758 वोल्ट की पॉवर सप्लाई।

- रोजाना एचएसडी खपत की मॉनीटरिंग कर 96365 किलोलीटर एचएसडी खपत में कमी लाई।

- इससे रेलवे को 626 करोड़ रेल राजस्व की बचत हुई।

- 54 स्टेशनों पर सोलर प्लांट लगाए गए।

- इसके अलावा ऑप्शनल व्यवस्था के तहत पीआरएस व यूटीएस को जोड़ा गया।

- 3-फेज लोकोमोटिव के रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग का इस्तेमाल करने के लिए लोको पायलट की रेग्युलर काउंसिलिंग।

बचाई 58 लाख यूनिट बिजली

कुल 20,736 रेलवे आवासों, 393 ऑफिस बिल्डिंग और 389 स्टेशन बिल्डिंग में सेंट परसेंट एलईडी लाइट का इस्तेमाल किए जाने से साल 2020-21 में 58 लाख यूनिट बिजली बचाई है। इलेक्ट्रिसिटी कंजप्शन में कमी होने से रेलवे को 4.5 करोड़ रेवेन्यू की बचत हुई है। 2020-21 में 1541.54 केडब्लूपी क्षमता के रूफटॉप सोलर पैनल लगाने और उन्हें चार्ज किए जाने से 34.62 लाख यूनिट सोलर एनर्जी की बचत हुई। इससे भी एनई रेलवे ने 1.18 करोड़ रुपए बचाए हैं।

75 परसेंट इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा

एनई रेलवे में अब तक 75 परसेंट रूट पर इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लिया गया है। इसकी वजह से इन सभी रुट्स पर गाडिय़ों को डीजल इंजन के बजाए इलेक्ट्रिक इंजन से चलाया जा रहा है। इससे रेलवे को डीजल की खूब बचत हुई है। एनई रेलवे ने साल 2018-19 में 433.21 रूट किमी., 2019-20 में 543.41 रूट किमी। और 2020-21 में 561.36 रूट किमी। रेल खंडों का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लिया है।

वर्जन

एनर्जी कंजर्वेशन में एनई रेलवे ने देश में पहली पोजीशन हासिल की है। नेशनल लेवल का यह अवॉर्ड ट्रांसपोर्ट कैटेगरी में मिला है। इसके लिए महाप्रबंधक ने सभी रेलकर्मियों को बधाई दी है और इसके साथ ही आगे भी एनर्जी बचाने के लिए समुचित कदम उठाने के लिए कहा है।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे