-क्लास 6वीं और 9वीं में 50-90 परसेंट घट गए एडमिशन

-जिले के स्कूल खोज रहे नए एडमिशन

-रूरल एरिया के स्कूलों में झांकने तक नहीं आए स्टूडेंट

GORAKHPUR: कोविड 19 काल स्कूलों पर एक के बाद एक सितम ढा रहा है। कोविड की वजह से अभी तक स्कूल नहीं खुल पाए। जिससे अब स्कूलों का अस्तित्व खतरे में आ गया। वहीं जो बच्चे पहले से स्कूल में पढ़ रहे थे। उन्होंने भी स्कूल से सम्पर्क तोड़ लिए हैं। इसके चलते क्लास 6वीं और 9वीं में नए एडमिशन 50-90 परसेंट तक कम हो गए हैं। हांलाकि प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी गई। इसके बाद भी बच्चे इस बार स्कूल में एडमिशन लेने में कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहे हैं।

टीचर एडमिशन के लिए कर रहे फोन

राजकीय, वित्तविहीन, अशासकीय स्कूलों में एडमिशन 50 से 90 परसेंट तक कम हुए हैं। सिटी के गिने चुने अच्छे इंटर कॉलेजेज को छोड़ दें तो रूरल एरिया में हालत ऐसी है कि टीचर बच्चों को एडमिशन के लिए फोन कर रहे हैं। इसके अलावा घर तक भी जा रहे हैं फिर भी स्कूलों को एडमिशन नहीं मिल रहे हैं। रूरल एरिया में 90 परसेंट तक क्लास 9 वीं और 11वीं में एडमिशन प्रभावित हुए हैं। यही हाल हाईस्कूल और इंटर में भी होता लेकिन माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आवेदन की डेट बढ़ाई जाने की वजह से अभी उम्मीद है कि स्टूडेंट समय रहते पंजीकरण करा लेंगे।

बोर्ड को भी बढ़ानी पड़ी डेट

पहले बोर्ड की ओर से वर्ष 2021 की हाईस्कूल और इंटर के बोर्ड एग्जाम के लिए पंजीकरण करने की लास्ट डेट 5 अगस्त निर्धारित की गई थी। जिसे अब 31 अगस्त कर दिया गया है। वहीं बोर्ड ने चालान जमा करने की डेट 10 अगस्त से बढ़ाकर 7 सितम्बर कर दिया है। क्लास 9वीं में पंजीकरण के लिए लास्ट डेट 5 अगस्त थी, एडमिशन नहीं होने के कारण इसे भी बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया है।

एमजी में अभी तक 50 परसेंट भी एडमिशन नहीं

महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल ओपी सिंह ने कहा कि साफ तौर पर निचले क्लास में प्रवेश की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि अपने ही स्कूल की बात करूं तो क्लास 6वीं और 9वीं में सिर्फ 50 परसेंट एडमिशन ही हो सके हैं। जबकि पिछले साल एक-एक सीट पर एक से ज्यादा आवेदन रहते थे। कोरोना की वजह से एडमिशन की दिक्कत आ रही है। हम लगातार बच्चों से सम्पर्क स्थापित कर समय से एडमिशन कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हमारे कालेज में हाईस्कूल और इंटर की स्थिति संतोषजनक है। अब बोर्ड द्वारा पंजीकरण की डेट बढ़ाने की वजह से उम्मीद है कि और एडमिशन होंगे।

एडमिशन लेने को कोई तैयार नहीं

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष डॉ। दिग्विजय नाथ पांडेय ने कहा कि शहरी क्षेत्र में एडमिशन की स्थिति खराब है। वहीं, रूरल एरिया के स्कूलों में जहां 2000 से 4000 तक सीट है। वहीं पांच सौ भी एडमिशन नहीं हुए हैं। टीचर लगातार अपने स्तर से एडमिशन के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन वो सफल नहीं हो पा रहे हैं।

प्रिंसिपल को दिए निर्देश

जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया ने कहा कि एडमिशन कम होना अच्छे संकेत नही हैं। इसमें सुधार के लिए योजना बनायी जा रही है। स्टूडेंट को विश्वास दिलाना होगा। इसके लिए सभी स्कूलों के प्रिंसिपल को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने स्तर से स्टूडेंट और पैरेंट्स बात करें। अब पंजीकरण की तारीख भी बढ़ा दी गई है। इस दौरान टीचर्स को प्रयास करते हुए नए एडमिशन की दिशा में काम करना होगा।

वर्जन-

कम संख्या में एडमिशन होना स्कूल्स के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इसमे सुधार के लिए योजना बनाई जा रही है। सभी स्कूल के प्रिंसिपल को निर्देशित किया गया है कि स्टूडेंट और पैरेंट्स से बात करके एडमिशन के लिए अवेयर करें।

ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस