-डीआईजी के बदलते ही सिटी के जाम पर फिर शुरू हुआ मंथन

-फीडबैक लेकर नए सिरे से कार्रवाई करेंगे अफसर

GORAKHPUR: नए डीआईजी के आते ही एक बार फिर ट्रैफिक की हालत सुधारने की कवायद की जा रही है। बार-बार प्रयास के बावजूद पब्लिक को राहत क्यों नहीं मिल रही। इस बात पर दोबारा मंथन शुरू हुआ है। नवागत डीआईजी ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को एक बड़ी चुनौती के रूप में लिया है। उनका मानना है कि इसके सुधार का व्यापक असर पब्लिक पर पड़ेगा। ट्रैफिक व्यवस्था में भारी बदलाव से आमजन को ज्यादा राहत मिल सकेगी।

जस के तस जाम के हालात

शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की सारी कवायदें बेकार हो जा रही हैं। मैन पॉवर से लेकर चौराहों तक के अतिक्रमण हटाने पर काफी काम हुआ है। सड़कों के चौड़ीकरण, जगह-जगह पुलिस कर्मचारियों की तैनाती और मौजूद जगहों पर पार्किंग के इंतजाम करने के बजाय शहर का ट्रैफिक दुरुस्त नहीं हो पा रहा। सोमवारी जाम की प्रॉब्लम से शहर की पब्लिक झेल जाती है। शहर के प्रमुख चौराहों के अतिरिक्त अन्य जगहों पर भी जाम की वजह से लोगों को दिन भर रेंगना पड़ता है। पिछले 10 साल के भीतर ट्रैफिक सुधार को लेकर कई कार्रवाई हुई। लेकिन इसका नतीजा शून्य नजर आने लगता है।

फीड बैक लेकर सुधारेंगे हालात

हाल में ट्रैफिक जाम को लेकर परेशान अधिकारियों ने इस बार दोबारा काम शुरू किया है। नवागत डीआईजी ने शहर की ट्रैफिक सुधारने के लिए कवायद की है। उनका कहना है कि यदि शहर में आवागमन सुलभ करने के लिए अधिकारियों और पब्लिक से फीड बैक ले रहे हैं।

इन बिंदुओं पर समाधान तलाश रहे अफसर

- शहर में कब और कहां, कितने समय पर जाम लगता है।

- जाम लगने की प्रमुख वजहें क्या-क्या हैं। इसका समाधान कैसे होगा।

- शहर में आटो, बस, रिक्शा के संचालन की स्थिति क्या है। इससे कितना असर पड़ रहा है।

- किन प्रमुख चौराहों पर जाम लगता है। वहां से कितनी देर तक ट्रैफिक बाधित होता है।

- किस चौराहे पर किस तरह के सुधार की गुजाइंश है। इसका कितना व्यापक असर होगा।

- कहां पर पार्किंग की व्यवस्था है। कहां पर वाहनों की आवाजाही को लेकर वन-वे करने की जरूरत है।

- पूर्व में क्या-क्या कार्रवाई हुई है। उसका क्या असर है। प्लान कैसे और किन परिस्थितियों में फेल हो गया।

अभी तक सामने आई गड़बड़ी

- शहर में एक किसी चौराहे पर जाम लगने पर कई चौराहे जाम हो जाते हैं।

- ट्रैफिक संचालन के दौरान कुछ राहगीर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के ड्राइवर लापरवाही करते हैं।

- चौराहों पर 50 मीटर के दायरे में ही सवारी भरने और उतारने से भी जाम लगता है।

- चौराहों पर तैनात होमगा‌र्ड्स को प्रापर ट्रेनिंग नहीं दी गई है। तालमेल का अभाव नजर आता है।

- गोलघर सहित अन्य कई मार्केट में पार्किंग की जगह नहीं है। इससे जहां-तहां वाहन खड़े होते हैं।

- ट्रैफिक दरोगा और कांस्टेबल की तैनाती के बावजूद सख्ती से कार्रवाई नहीं हो पा रही।

- मोहद्दीपुर में मॉल और दुकानों के सामने बड़ी संख्या में बेतरतीब ढंग से वाहन खड़े हो रहे हैं।

- प्राइवेट बसों के लिए कोई स्टैंड नहीं है। रेल म्यूजियम के आसपास खड़े होकर सवारी भरते हैं।

- शहर में डीजल आटो-काले रंग प्रतिबंधित हैं। लेकिन इसका संचालन टैक्सी स्टैंड से किया जा रहा।

ट्रैफिक सुधार को लेकर अब तक कार्रवाई

- चौराहों केा गोद लेकर अतिक्रमण हटवाया गया था। ट्रैफिक मित्र बनाए गए थे।

- मार्केट में सड़कों के किनारे पीली पट्टी बनाकर वाहनों को खड़े होने की जगह का निर्धारण

- भीड़ वाले मार्केट में वन-वे ट्रैफिक, कुछ रास्तों पर फोर व्हीलर के आवागमन पर पूरी तरह से रोक

- ट्रैफिक सुधार के लिए विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक वालंटियर्स की तैनाती, ट्रैफिक मित्रों की मदद की कवायद

- चौराहों का चौड़ीकरण, सिग्लन दुरुस्त कराकर स्टॉप लाइन और जेब्रा क्रासिंग बनाने का काम हुआ।

- बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों के खिलाफ कार्रवाई, क्रेन से उठाकर उनको ट्रैफिक यार्ड में जमा कराना

- चौराहों से 50 मीटर की दूरी पर वाहनों को खड़े होने, सवारी उतारने-चढ़ाने का नियम लागू किया गया

- प्राइवेट बसों सहित अन्य वाहनों को शहर से बाहर से शिफ्ट किया गया। स्कूलों की टाइमिंग में फेरबदल

इन चौराहों पर रहेगी िवशेष नजर

मोहद्दीपुर, बेतियाहाता, टीपी नगर, पैडलेगंज, असुरन चौक, धर्मशाला बाजार, काली मंदिर, गणेश चौराहा, खजांची चौक, रेलवे स्टेशन रोड के सामने, अंबेडकर चौराहा और शास्त्री चौराहा

वर्जन

शहर में ट्रैफिक जाम से आमजन को काफी प्रॉब्लम होती है। इसकी समीक्षा की जा रही है। हालात कैसे सुधारे जाएं। इस पर मंथन करते हुए सभी का फीडबैक लिया जा रहा है। कोशिश है कि इसके सार्थक परिणाम सामने आए। इस व्यवस्था को सुधारने में हमें सभी का सहयोग चाहिए। मौजूद संसाधनों से हम कितना बेहतर कर सकते हैं। इस पर विचार किया जा रहा है।

राजेश मोदक, डीआईजी, गोरखपुर रेंज