-हाल ही में काउंसिलिंग के बाद बेसिक स्कूलों को मिले नए टीचर्स
-टीचर बनने के बाद अलग-अलग वजहों से आधा दर्जन ने छोड़ दी नौकरी
-बीएसए ऑफिस में आ रहे अजीबो-गरीब मामले
GORAKHPUR: सर मेरा बिजनेस चटक गया है, इसलिए मुझे अब टीचर की नौकरी नहीं करनी है। टीचर बनने से मेरा बना-बनाया बिजनेस चौपट हो जाएगा। इस बिजनेस से मेरी आमदनी भी कहीं अधिक होगी। टीचर बनकर मैं इतनी कमाई कभी नहीं कर पाउंगा। आप बस ये बताइए मुझे नौकरी छोड़ने के लिए क्या करना होगा? इस अंदाज में एक टीचर ने बीएसए से उनके कार्यालय में अपनी सारी बातें बयां कर डाली। अभी हाल ही में हुई काउंसिलिंग के बाद नव नियुक्त हुए टीचर की बात सुनकर बीएसए भी हैरानी में पड़ गए। फिलहाल जब कोई नौकरी नहीं करना चाहेगा तो बीएसए कर भी क्या सकते हैं। अधिकारी होने का दायित्व निभाते हुए उन्होंने टीचर से एक रिजाइन लेटर ले लिया।
वजह बताकर दे रहे रिजाइन
सरकारी नौकरी चाहे किसी ग्रेड की हो उसे पाने की कोशिश में हर कोई लगा रहता है, लेकिन सरकारी नौकरी का सपना बहुत कम ही लोगों का पूरा हो पाता है। इधर लगातार हुई काउंसिलिंग के बाद बेसिक स्कूलों को नए टीचर्स मिले। कोई गाजीपुर तो कोई मेरठ से टीचर की नौकरी करने पहुंचा है। वहीं इनमे कई ऐसे भी नए टीचर आए हैं जो अलग-अलग वजहों से नौकरी छोड़ रहे हैं। बीएसए ऑफिस में करीब आधा दर्जन टीचरों का रिजाइन लेटर आ चुका है।
पति बनारस तो मै कैसे करूंगी नौकरी
इसी तरह बीएसए के पास एक महिला टीचर पहुंची उसने बताया कि उसके पति बनारस में रेलवे में काम करते हैं। इस हाल में मैं गोरखपुर में रहकर कैसे नौकरी करूंगी, इसलिए मुझे ये नौकरी छोड़नी है। अभी हाल ही में लगी नौकरी को महिला टीचर ने पति की खातिर छोड़ दिया।
बॉक्स-
सेल टैक्स छोड़ बनना चाहते टीचर
बीएसए के पास एक ऐसा भी युवक आया जो नौकरी छोड़ टीचर बनना चाहता है। उसने बताया कि वो सेल टैक्स डिपार्टमेंट में काम करता है। अभी हाल ही में हुई काउंसिलिंग में उसका भी नाम था, लेकिन वो इसमे प्रेजेंट नहीं हो पाया। बीएसए ने बताया कि काउंसिलिंग तीन बार हुई। अब शासन से कोई आदेश आएगा तभी कुछ हो सकता है। इस पर युवक गिड़गिड़ाते हुए कहा कि प्लीज सर किसी तरह से मेरी काउंसिलिंग करा दीजिए। मैं किसी भी हाल में सेल टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ना चाहता हूं। इस पर बीएसए ने पूछा कि तुम्हारी अच्छी सैलरी है और अच्छा काम है फिर तुम क्यों छोड़ना चाह रहे हो। इस पर युवक ने बोला कि सेल टैक्स में काम बहुत करना पड़ता है। अगर टीचर बन जाउंगा तो आराम मिलेगा। बीएसए ने इस बात पर थोड़ी नाराजगी व्यक्त की लेकिन युवक के बार-बार निवेदन करने पर उसका नाम नम्बर नोट करवा लिया।
फैक्ट फिगर-
स्कूल-3134
बच्चे-180000
टीचर-7400
शिक्षा मित्र-3300
अनुदेशक-580
फर्स्ट काउंसिलिंग में मिले टीचर-547
सेकेंड काउंसिलिंग में मिले टीचर-580
वर्जन-
इधर कुछ टीचर्स ने रिजाइन दिया है। एक टीचर ने बताया कि उसका बिजनेस अच्छा चल रहा है, इसलिए उसने रिजाइन दे दिया। इसी तरह एक महिला टीचर का पति बनारस रेलवे में है तो उसने भी इस्तीफा दे दिया। इस तरह के मामले इधर आ रहे हैं।
बीएन सिंह, बीएसए