गोरखपुर (ब्यूरो).नौका विहार, राजेंद्र नगर, तारामंडल, रुस्तमपुर ढाला व चिडिय़ाघर के आसपास एरिया में नाइट्रोजन युक्त बिस्कुट बेचे जाने के शिकायत पर फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल सिंह ने नौका विहार स्थित दुकानों पर चेकिंग की। इस दौरान मौजूद दुकानदार ने फूड डिपार्टमेंट का लाइसेंस नहीं दिखा सका। इसके बाद दुकान के मालिक से झगड़ा भी हुआ। टीम ने इस मामले की जानकारी सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी कुमार सिंह को दी। इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। नाइट्रोजन युक्त बिस्कुट के सैैंपल कलेक्ट करते हुए दुकानदार का चालान किया गया।

नाइट्रोजन उक्त बिस्कुट जो अनट्रेंड लड़कों द्वारा बेचा जा रहा है। इसको रोकने के लिए कार्रवाई जा रही है। यह बिस्किट स्वास्थ्य व मानव जीवन के लिए बहुत ही घातक हो सकता है। इसके सेवन से कई शहरों में ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमे व्यक्ति को गंभीर बीमारियां तक हुई हैैं।

- अनिल कुमार सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी

क्या है नाइट्रोजन बिस्कुट?

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल सिंह ने बताया कि सामान्य से बिस्किट से अलग होता है। जो लिक्विड रूप में नाइट्रोजन गैस जो अत्यंत शीतल बनाता है। यह गैस हैं, जो आपस में मिलाकर खाया जाता है। बिस्किट चबाने पर मुख में ठंडी और सफेद धुएं का उत्सर्जन होता हैं। जो मजेेदार तो लगता हैं, लेकिन युवाओं और बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह बिस्कुट आम तौर पर नुक्कड़-दुकानों पर जैसे कुल्फी आदि की दुकानों पर मिलता है। इस बिस्कुट को 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए मनाही है। उन्हें यह हानि पहुंचा सकता है। सारे बिस्कुट खाने के बाद नीचे बचे हुए द्रव को फेंक दिया जाता है। उसे पीने की सलाह नहीं दी जाती है। लिक्विड नाइट्रोजन अधिक हानिकारक हैं।