- शहर में 2.43 लाख हजार कंज्यूमर्स

- 43 परसेंट लोग अधिक दूरी के कारण साल में एक या दो बार जमा करते हैं बिल

- कंज्यूमर्स की सुविधा के लिए पास के सरकारी राशन की दुकानदारों को जमा करना था बिजली का बिल

- डीएसओ ने कोटेदारों को दिया था बिजली बिल जमा कराने का आदेश

GORAKHPUR: बिजली का बिल जमा करने के लिए अभी भी कंज्यूमर भटकने का मजबूर हैं। बिजली निगम ने बकाया वसूली के लिए कोटेदारों के जरिए ई-पॉस मशीन से बिजली का बिल जमा कराने की सुविधा तो दी, लेकिन यह अब तक कागजों में ही सीमित रह गई है। आदेश जारी होने के बाद भी राशन की दुकानों पर बिल नहीं जमा किए जा रहे हैं। यह आदेश सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया है। गोरखपुर में करीब 1900 राशन दुकानों पर मिलनी है। इसमें से करीब शहर के 205 राशन की दुकानें भी शामिल हैं, लेकिन अभी कहीं पर भी यह सुविधा नहीं शुरू हो सकी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब दुकानों की पड़ताल की तो सच सामने आया।

गल्ला बांटे या बिल जमा करें

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सोमवार को शिवपुर शहबाजगंज स्थित सरकारी राशन की दुकान पर पहुंची। कोटेदार राशन बांटते हुए नजर आए। रिपोर्टर ने जब उनसे बिल जमा करने के बारे में पूछा तो उधर से जवाब मिला कि गल्ला बाटें या बिजली का बिल जमा करें। यहां पर बिल नहीं जमा किया जाता है। इसके बाद रेलवे स्टेशन रोड स्थित हीरामपुर राशन की दुकान पर पहुंचा तो कोटेदार से बिल जमा करने की बात की तो उसने बताया कि यहां पर अभी फिलहाल ई-पॉस मशीन के जरिए बिजली का बिल नहीं जमा हो रहा है।

एक दुकान में लटका मिला ताला

यहां से लौट कर सीधे जब रिपोर्टर गांधी गल्ली स्थित एक राशन की दुकान पर पहुंचा, तो यहां पर ताला लटका मिला। कुछ देर रुककर कोटेदार का इंतजार करने लगा। इसी बीच एक व्यक्ति बगल के मकान से बाहर निकला। रिपोर्टर ने जब उसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि एक दिन पूर्व राशन बांटने के लिए आए थे। यहां बिजली का बिल जमा होता है या नहीं, इसके बारे में ज्यादा कुछ मालूम नहीं है।

ई-पॉस मशीनों से होने थे बिजली बिल जमा

कंज्यूमर्स की सहूलियत के लिए जिला सप्लाई अधिकारी ने दो माह पूर्व सभी कोटेदारों को आदेश भेजा था। इसमें कहा था कि सरकारी राशन दुकानदारों की इनकम बढ़ाने के उद्देश्य से बिजली कंज्यूमर्स का बिल जमा कराने निर्णय लिया गया है। यह बिल ई-पॉस मशीनों के माध्यम से जमा किए जाने थे, लेकिन यह सुविधा अभी तक धरातल पर नहीं आ सकी हैं।

कोटेदारों का भी फायदा

डिस्टिक सप्लाई ऑफिसर के अनुसार कोटेदारों के पास रखी ई-पॉस मशीनों में ओएसिस कंपनी का एप डाल दिया गया है। इस एप के माध्यम से किसी भी कंज्यूमर का बिजली का बिल जमा कर सकेंगे। इसके लिए कोटेदारों का कमीशन भी तय है। इससे कोटेदारों के लाभ के साथ कंज्यूमर्स को भी फायदा मिल सकेगा। कंज्यूमर द्वारा दस हजार का बिल जमा करने पर राशन दुकान को 17 रुपए का लाभ होगा जबकि इससे ऊपर की रकम पर कुल ट्रांजेक्शन वैल्यू का .25 परसेंट उन्हें मिलेगा।

यह बिजली विभाग का आंकड़ा

शहर में कंज्यूमर्स --2.43 लाख

बिजली का बिल बना--87587

कुल अमाउंट करीब-26 करोड़

ऑनलाइन जमा हुए बिल--3 करोड़

ऑफलाइन जमा हुए बिल-5 करोड़

अभी भी बकाएदरी लगभग- 18 करोड़

राशन की दुकानों से बिजली बिल जमा करने का आदेश मिला है। कोटेदारों के साथ मीटिंग भी की जा रही है। साथ ही बीच-बीच में मॉनीटरिंग भी की जाती है। यदि शहर के कोटेदार बिजली का बिल नहीं जमा कर रहे हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आनंद सिंह, डीएसओ