- जिला महिला अस्पताल में मरीजों को करना पड़ता है घंटों इंतजार

- बिना मास्क के आने वाली प्रसूता को कोविड प्रोटोकॉल का कराया जाता है पालन

GORAKHPUR:

हैलो मैम, पहले आप अपना मास्क लगाइए। भईया मास्क भूल गए हैं। मास्क नहीं है तो अपने दुपट्टे से ही मुंह व नाक को ढकिए। यह नजारा जिला महिला अस्पताल का था। एसआईसी की तरफ से निर्देश जारी कर हॉस्पिटल में जगह-जगह नोटिस भी चिपका दी गई है। जिला महिला अस्पताल के 100 शैय्या बेड हास्पिटल में जहां स्टाफ आने वाले पेशेंट्स को नसीहत देते हुए नजर आए तो वहीं आधा दर्जन से ऊपर मेडिकल स्टाफ खुद ही बिना मास्क व कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आए।

खुद ही नहीं लगाए थे मास्क

जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर 100 शैय्या बेड वाले जिला अस्पताल में पहुंचा तो वहां मेन गेट पर ही राम आशीष मिले। जो मरीज व अटेडेंट का नाम, पता पूछने के बाद इंफ्रा रेड थर्मामीटर से चेक करने के बाद ही एंट्री दे रहे थे, उसके बाद जब रिपोर्टर कोविड जांच केंद्र के पास पहुंचा तो जांच करने वाले मेडिकल स्टाफ खुद ही मास्क नहीं लगा रखे थे, लेकिन जैसे ही कैमरे की नजर पड़ी तो वे अपना-अपना मास्क लगाते हुए सभी प्रसूताओं को मास्क व दो गज की दूरी बनाने के लिए अनाउंस करने लगे। मौके पर मिले मेडिकल स्टाफ मनीष मिश्रा ने बताया कि बिना मास्क के हम लोग कोविड जांच नहीं करते, लेकिन तुरंत ही मास्क उतारा गया था, जबकि हकीकत में बिना मास्क के ही सभी थे।

कैमरा देखते ही हड़बड़ाए

जब रिपोर्टर दूसरे फ्लोर एमसीएच पर पहुंचा तो वहां एसएन भारती व पूजा कुमारी मिली। जो बिना मास्क मिली। यह सभी स्टाफ नर्स कैमरा देखते ही अपने मास्क को मुंह पर चढ़ाते हुए चाय पीने की बात कही। नर्सिग इंचार्ज राम राज नागर ने बताया कि हास्पिटल में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन कराया जाता है, कोई भी बिना मास्क के नहीं एंट्री करता है, अगर उसके पास मास्क नहीं है तो उसे मास्क प्रोवाइड कराया जाता है, या फिर दुपट्टे से उसके मूंह और नाक को बंधवा दिया जाता है। ताकि इंफेक्शन का खतरा न रहे।

फैक्ट फीगर

जिला महिला अस्पताल में आने वाली प्रसूता - 100-125

डेली होने वाली प्रसूताओं के कोविड जांच - 70-80

स्टाफ नर्स की संख्या - 2

कुल पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या - 83

अनलॉक के बाद ही जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं की भीड़ बढ़ गई है। अब प्रसूताओं के इलाज के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही उन्हें डॉक्टर देखती हैं, अल्ट्रासाउंड या फिर अन्य जांच के लिए मास्क लगाने के बाद ही एंट्री मिलती है।

डॉ। माला सिन्हा, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल

मास्क लगाए नहीं थे, लेकिन यहां आने के बाद मास्क लगवाया गया। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया गया। उसके बाद ही डॉक्टर के पास भेजा गया। अभी कोविड जांच के लिए लाइन में लगे हैं।

पूर्णिमा, प्रसूता

कोविड जांच के लिए सुबह से इंतजार कर रहे हैं। अब अल्ट्रासाउंड के लिए लाइन में लगे हैं, डबल मास्क लगाकर आए थे, दम घुट रहा है, लेकिन मास्क लगाना भी मजबूरी है। यहां के मेडिकल स्टाफ तो खुद भी मास्क नहीं लगाते हैं। इनसे भी तो हमें खतरा है।

दीपिका, प्रसूता

दूसरी बार जिला महिला अस्पताल में आई हूं, कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, कोरोना में मास्क लगाए थे, लेकिन बाद में बाद में दुपट्टे से भी मुंह बांधवा दिया गया, लेकिन खुद भी तो मास्क लगाना चाहिए।

सुशीला गुप्ता, प्रसूता

जिला महिला अस्पताल में आने वाली प्रसूताओं को काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है। लेकिन यहां के मेडिकल स्टाफ बगैर मास्क या फिर कोविड प्रोटोकाल का खुद तो पालन करते नहीं और प्रसूता और अटेंडेंट को नसीहत देते हैं।

चंद्र प्रभा, प्रसूता