- पुलिस के रिकार्ड से लुटेरों का ग्राफ हुआ शून्य

- जोन के दो जिलों में लूट के एक भी मामले नहीं आए सामने

- पुलिस के आला अफसर इसे मान रहे कामयाबी

<- पुलिस के रिकार्ड से लुटेरों का ग्राफ हुआ शून्य

- जोन के दो जिलों में लूट के एक भी मामले नहीं आए सामने

- पुलिस के आला अफसर इसे मान रहे कामयाबी

GORAKHPUR: GORAKHPUR: जिले में ताबड़तोड़ हो रही वारदात से जहां पुलिस के होश उड़ गए हैं, वही गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों में से दो जिले देवरिया और सिद्धार्थनगर में इस साल लूट की एक भी वारदात सामने नहीं आई। जबकि डकैती के मामले को पुलिस के रिकार्ड में ब्रेक लगा दिया है। यदि देखा जाए तो इन सातों जिलों में डकैती के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं। ऐसे में पुलिस के आला अफसर राहत की सांस ले रहे हैं।

देवरिया व सिद्धार्थनगर में लूट के एक भी केस नहीं

पिछले तीन साल के आंकड़ों के रिकार्ड पर गौर किया जाए तो साल दर साल लूट की वारदातों मे कमी आई है। वहीं, सिद्धार्थनर व देवरिया में आंकडा शून्य पर पहुंच गया है। गोरखपुर में भी पिछले साल की तुलना में आधी घटनाएं हुई हैं। जबकि कोरोना काल में पुलिस को अंदेशा था कि बड़ी संख्या में लोगों के घर लौटने और बेरोजगारी होने के चलते लूट की घटनाएं बढ़ सकती हैं। आला अफसरों के सख्ती और निर्देश पर पुलिस चुस्त-दुरूस्त रही। इसका नतीजा यह हुआ कि वारदातों पर अंकुश लगाना शुरू हो गया।

जिलेवार आंकडे़

गोरखपुर

वर्ष लूट

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देवरिया

वर्ष लूट

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कुशीनगर

वर्ष लूट

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महराजगंज

वर्ष लूट

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संतकबीनगर

वर्ष लूट

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सिद्धार्थनगर

वर्ष लूट

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लूट की कमी के पीछे पुलिस की सख्ती है। इसके लिए पुलिस कर्मियों को बधाई। अधिकांश जगहों पर अपराधिक घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगाया गया है। प्रयास किया जा रहा है कि उसे शून्य किया जाए।

दावा शेरपा, एडीजी गोरखपुर जोन