-जिला अस्पताल के न्यू ओपीडी में सैकड़ों दिव्यांगों की भीड़

-मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होने के लिए दर्जन भर ऊपर आए बगैर अप्लाई वाले लौटे निराश

GORAKHPUR: राइट हैंड डैमेज है। 80 नंबर वाला टोकन मिला है। तीन घंटे से वेटिंग में हैं। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं है। सब एक दूसरे के ऊपर टूट पड़े हैं। न बैठने की जगह और ना कोविड प्रोटोकाल के नियमों का पालन। पता नहीं दिव्यांग सर्टिफिकेट बन पाएगा भी या नहीं। यह कहना है कौड़ीराम से आए दिव्यांग आकाश का। गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम जिला अस्पताल के न्यू ओपीडी में पहुंची तो सभी दिव्यांग समस्या सुनाने लगे।

चक्कर लगाते रहे अभ्यर्थी

डांगीपार से आए राहुल ने बताया कि 50 फीसदी दिव्यांग हैं। सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सुबह 9 बजे से ही जिला अस्पताल में थे, लेकिन साढ़े 12 बजे तक सर्टिफिकेट बनवाने में कई चक्कर लगाने पड़े। रूम नंबर-50 में डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के बाद मौके पर दिव्यांगता चेक किया जाता है। बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत होने के बाद ही रिपोर्ट लगाई जाती है। रिपोर्ट लगने के बाद ऑनलाइन सर्टिफिकेट मिलता है। लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है। ताकि प्रॉपर वे में डाक्यूमेंट्स जमा हो सकें। कमोबेश यही समस्या जीगर, सूरज मद्धेशिया के साथ भी थी। वहीं दो दर्जन से उपर कुछ ऐसे भी दिव्यांग थे, जो अप्लीकेशन फार्म ही नहीं भरे थे, इस कारण वह वापस लौट गए।

वर्जन

अचानक दिव्यांगों की इतनी भीड़ हो गई। बैठने के लिए चेयर्स लगाए गए हैं। सभी को टोकन भी दिया जाता है। उन्हें अपने बारी का इंतजार करना चाहिए। हेल्प डेस्क पर कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

डॉ। एसी श्रीवास्तव, एसआईसी