- पुराने बक्शीपुर एरिया में दो साल से नहीं दिखी फॉगिंग मशीन, मच्छरों का प्रकोप बढ़ा

- गंदगी होने से मोहल्लों में लोगों का रहना मुश्किल

- पब्लिक के कंप्लेन पर केवल मेन सड़कों पर होती है फॉगिंग

GORAKHPUR: शहर में मच्छरों को मारने के लिए नगर निगम के पास एक भारी भरकम महकमा है, लेकिन यह कब और कहां ड्यूटी करता है किसी को नहीं मालूम। नगर निगम की फॉगिंग मशीन कहां अपना धुंआ छोड़ती है, इसको भी आज तक कोई नहीं जान सका। मेन रोड पर दौड़कर लाखों रुपए का धुआं छोड़ती है, लेकिन लोग खुद से मच्छर मारने को मजबूर हैं। बक्शीपुर एरिया के ऐसे एक दर्जन मोहल्ले और गलियां हैं, जहां कई माह हो गए मगर फॉगिंग मशीन नहीं दिखी। पब्लिक कंप्लेन पर मशीन आती है, लेकिन आधे मोहल्ले में फॉगिंग करने के बाद वह फिर गायब हो जाती है।

बाहर खड़े होना मुश्किल

बक्शीपुर में मच्छरों का प्रकोप इतना ज्यादा है कि यहां शाम को घर के बाहर खड़ा होना मुश्किल है। आए दिन मोहल्ले से लोग डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, लेकिन जिम्मेदार इससे बेखबर हैं। शाम को चौराहे पर खड़े व्यक्ति के सर पर मच्छरों को झुंड मंडराता रहता है। पिछले दो माह में थवईपुल के पास दो मलेरिया के मरीज मिल चुके हैं। अब गंदगी की वजह से यहां कई तरह की बीमारियां भी फैलने लगी है। चौरहिया गोला से नखास जाने वाले रास्ते पर गंदगी के कारण दो संक्रमण के भी मरीज जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं।

गंदगी के अंबार से पटा इलाका

बक्शीपुर बिजली घर के पीछे, चौरहिया गोला, थवईपुल, दीवान बाजार झंकार टाकीज के पीछे एरिया में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नालियां जाम है, कूड़ा का अंबार जगह-जगह दिख जाएगा, लेकिन सफाई कर्मी आते ही नहीं है। अगर कभी गलती से वह पहुंच भी गए, तो मेन रोड की सफाई हो जाएगी। मगरा फुटपाथ और नालियां वैसे ही गंदी नजर आएंगी। गंदी नालियों के पानी में मच्छर को पलने की अनूकूल परिस्थिति मिल जाती है, जिसके बाद यह अपना कहर बरपाते हैं।

सफाईकर्मी कभी नहीं आते हैं। घरों का कूड़ा सड़कों के किनारे पड़ रहता है, नालियां उफन रही है, जिसके कारण मोहल्ले में जल जमाव हो रहा है और सड़कों पर कीचड़ फैल रहा है। इस तरफ किसी भी जिम्मेदार की नजर नहीं जा रही है।

दीपक गुप्ता, बिजनेसमैन

पिछले साल यहां एक फॉगिंग मशीन आई थी, आधे एरिया में फॉगिंग हुई तभी तेल समाप्त होने के कारण मशीन बंद हो गई, मशीन चलाने वाले ने कहा कि कल आएंगे, लेकिन उसके बाद से आज तक यह मशीन नहीं आई।

अमित कुमार, बिजनेसमैन

सफाईकर्मी किसी की नहीं सुनते। जब कभी कंप्लेन की जाती है, तो सफाईकर्मी पहुंचते हैं, लेकिन सफाई नहीं होती। गंदगी फैलने के साथ ही साथ मच्छर भी अधिक पैदा होते हैं। नगर निगम की लापरवाही से शहर में गंदगी और मच्छरों को प्रकोप बढ़ रहा है।

किरन सिंह, हाउस वाइफ

लाइन चोक होने से गंदा पानी लोगों के घरों में भर जाता है। कई बार शिकायत के बाद भी मुश्किल से सरकारी कर्मचारी पहुंचते हैं। आलम यह है कि सड़क टूटी हुई हैं, नालियां जाम है और उसका पानी सड़कों पर बह रहा है।

- रश्मि देवी, हाउस वाइफ