-यूपी रोडवेज की गाडि़यों पर लदे सामान की नहीं होती जांच, हर बार फेस्टिवल सीजन में पकड़ा जाता है लावारिस माल

-छापेमारी में मिलता सामान लेकिन नहीं मिलता इसका मास्टर माइंड

GORAKHPUR: नेपाल बार्डर से सटे होने के कारण फेस्टिवल आते ही शहरभर में जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट जारी करती रहती है। जगह-जगह जांच भी होती है। ताकि कोई अनहोनी न हो जाए। लेकिन यूपी रोडवेज इस सबसे अपने आपको दूर ही रखता है। न गाडि़यों की जांच होती है और न बसों पर आ रहे सामान की। बस पर क्या लादकर जा रहा है, क्या नहीं किसी को कुछ पता नहीं चलता है। जब कभी अगर जांच हुई तो जो सामान जब्त किए जाते हैं उन्हें लावारिस घोषित कर काम खत्म कर दिया जाता है। न मास्टर माइंड पकड़ा जाता है और न आरोपी। यह खुलासा हुआ है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में।

ड्राइवर कंडक्टर करते मनमानी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम रविवार को गोरखपुर बस अड्डे पहुंची। वहां जो नजारा दिखा वो हैरान करने वाला था। रिक्शे पर बोरा लादे पैसेंजर्स रोडवेज बस के पास पहुंच रहे थे। बस कंडक्टर ने यह पूछने के बजाय कि बोरे में क्या है केवल इतना बोला कि एक बोरा का पचास रुपए लगेगा। पैसेंजर्स ने भी खुशी-खुशी सामान बस में लाद दिया। इसी तरह निचलौल डिपो की बस में एक पैसेंजर्स करीब 25-30 किलो का बड़ा सा बंडल लेकर पहुंचा। यहां भी बस के कंडक्टर ने तुरंत बंडल देखकर उसकी कीमत लगा दी। इस पर पैसेंजर्स ने एतराज किया तो कंडक्टर ने वहां खड़ी अन्य बसों के कंडक्टरों से कहा कि 'कोई भी इस पैसेंजर्स को कम पैसे में बैठाएगा तो ठीक नहीं होगा'। इसके बाद पैसेंजर्स काफी देर इंतजार के बाद मजबूर होकर उसी बस में बैठा।

बाहर भी चल रहा था खेल

गोरखपुर रोडवेज परिसर के बाहर इससे भी बड़ा खेल चल रहा था। सोहराब गेट डिपो की बस मेरठ-लखनऊ होते हुए गोरखपुर आई थी। उसमें बड़ी मात्रा में माल लदा था। जब वो बस जाने लगी तब जल्दी-जल्दी उसमें रखा सामान बीच सड़क पर निकाला गया। लगभग दो से चार क्विंटल वजन के इन बोरों में क्या था, ये किसी को भी नहीं पता।

इस तरह होता है खेल

सूत्रों की मानें तो एक्स्ट्रा पैसे कमाने के लिए ड्राइवर और कंडक्टर सामान को अपने जिम्मेदारी पर बस में लोड कर लेते हैं। गोरखपुर पहुंचते ही ड्राइवर बस स्टेशन के आसपास माल उतारकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

कानपुर की बसों पर रख रहे नजर

फेस्टिवल सीजन में ज्यादातर खोवा की खेप कानपुर से आती है। इसलिए प्रशासनिक अधिकारी, फूड सेफ्टी टीम कानपुर की रोडवेज की बसों पर विशेष निगरानी कर रही है।

जब भी जब्त हुआ सामान, लावािरस ही मिला

-शनिवार को फूड सेफ्टी की टीम ने रेलवे व कचहरी बस अड्डे से 9.5 क्विंटल मिलावटी खोवा लावारिस हालत में पकड़ा। टीम ने तीन क्विंटल बूंदी दाना और 70 किलोग्राम छेना की मिठाई भी जब्त किया।

-7 सितंबर को कस्टम टीम ने रोडवेज की बस से 9.3 किलो चरस पकड़ा था। जिसकी कीमत करीब 30 लाख रुपए थी। चरस बस की सीट के पीछे छिपाया गया था। जिसे लावरिस दिखाकर जब्त कर लिया गया था।

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लावारिस हालत में मिलते सामान

फेस्टिवल सीजन में अचानक से खाद्य पदार्थो की स्मगलिंग शुरू हो जाती है। माल तो पकड़ा जाता है लेकिन मालिक कभी नहीं पकड़ा जाता है। हमारी टीम भी लगातार बसों की जांच कर रही है। कानपुर की बसों पर हमारा विशेष ध्यान है।

अनिल कुमार सिंह, मुख्य खाद्य अधिकारी

बिना जाने समझे ना लोड करें सामान

ड्राइवर और कंडक्टर कामर्शियल माल ही लोड करना है तथा ज्यादा वजन के माल नहीं लोड करना है। माल के साथ उसके मालिक का होना अनिवार्य है। इसके अभाव में कभी सामान नहीं लोड करना चाहिए।

केके तिवारी, एआरएम गोरखपुर डिपो