बात छोटी लेकिन बड़े काम की

बात भले छोटी है लेकिन नतीजे काफी दूरदर्शी है। सरकार के मैरिज रजिस्ट्रेशन कंपल्सरी करने के बाद भी लोग रीति रिवाज के भंवर जाल में फंस कर इसको इग्नोर कर रहे हैं। कुछ लोग आज भी लोग मैरिज रजिस्ट्रेशन और शादी में वीडियो, फोटोग्राफी तक नहीं कराते। जिसके चलते निर्मला जैसी महिलाएं न्याय के लिए भटकती तो है लेकिन उसकी मदद के लिए कोई हाथ आगे नहीं आता। निर्मला ने भगवान को साक्षी मानकर परिवार के आशीर्वाद से शादी तो रचा दी लेकिन रीति रिवाज के फेर में पड़ कर न फोटोग्र्राफी हुई और न मैरिज रजिस्ट्रेशन। नतीजा, पति ने धोखा देकर छोड़ दिया। अब न्याय पाने के लिए वह थाने के चक्कर लगा रही है। न्याय के पहले उसे रामधारी की पत्नी होने का सबूत देना होगा जो उसके पास नहीं है।

फोटो न खिंचवाने का नुकसान

गोला तरवानार निवासी निर्मला का कहना है कि उसकी शादी उस्का बाजार मरची में रहने वाले रामधारी के साथ 29 नवंबर 12 को हुई थी। रामधारी मुंबई रेलवे में ड्राइवर हैं। निर्मला की शादी रीति रिवाज के साथ हुई थी लेकिन शादी में न तो फोटो खींचवाई गई थी और न ही मैरिज रजिस्ट्रेशन हुआ था। निर्मला पति के साथ मुंबई गई तो उसे पता चला कि रामधारी की पहले से शादीशुदा है। आरोप है कि काफी प्रताड़ना के बाद रामधारी ने निर्मला को माल्हनपार में रहने वाले उसके भाई के पास छोड़ दिया। निर्मला पिछले कई महीने से पति को वापस पाने के लिए थाने का चक्कर काट रही है लेकिन उसके पास रामधारी की पत्नी होने का कोई सबूत नहीं है।

कहानी फिल्मी है लेकिन सच्ची है

निर्मला की कहानी फिल्मी है लेकिन सच्ची है। मैरिज रजिस्ट्रेशन और रीति रिवाज के चलते मैरिज फोटोग्र्राफी को लेकर फिल्म स्टार परेश रावल द्वारा एक मूवी भी बनी थी। जिसमें गांव का एक कपल मुंबई की तेज जिंदगी में फंस गया और शादी का रजिस्ट्रेशन और फोटो न होने के चलते उन्हें 48 घंटे तक कई चक्करों से गुजरना पड़ा था। शादी की फोटोग्र्राफ को भी कानूनी सबूत माना जाता है। इसके अलावा सरकार ने शादी के बाद मैरिज रजिस्ट्रेशन के नियम को जरूरी कर दिया। रजिस्ट्रेशन के बाद ही आप की शादी कानूनी मानी जाएगी।