66 जगहों का चुनाव हुआ था शहर में पिंक बॉक्स लगाने के लिए

02 साल पहले शुरू हुई थी इसके लिए कवायद

00 पब्लिक प्लेसेज पर मौजूद हैं सिटी में पिंक बॉक्स

-शोहदों और मनचलों की हरकतों के खिलाफ महिलाओं की आवाज उठाने के लिए पब्लिक प्लेसेज पर लगने थे पिंक बॉक्स

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GORAKHPUR: सिटी में दो साल पहले जोर-शोर से पिंक बॉक्स लगाने की कवायद शुरू हुई थी। मकसद था, अगर किसी भी महिला के साथ गलत हो रहा है तो वह इस बॉक्स में अपनी शिकायत लिखकर डाल सकती थी। इसके लिए स्कूल-कॉलेजों सहित शहर में 66 जगहें चुनी गई थीं। लेकिन अफसोस, दो साल बाद सिटी में एक भी पब्लिक प्लेस पर पिंक बॅाक्स अवेलेबल नहीं हैं। सोमवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने सिटी में विभिन्न जगहों पर पिंक बॉक्स की तलाश की। लेकिन कहीं भी पिंक बाक्स नहीं नजर आए।

पब्लिक प्लेस पर भी लगने थे

महिलाओं, स्कूल और कोचिंग जाने वाली छात्राओं सहित अन्य की सुरक्षा के लिए पिंक बॉक्स लगवाने के निर्देश जारी हुए थे। 2019 सितंबर में शहर के भीतर पिंक बॉक्स लगाने की कवायद हुई। इनमें ग‌र्ल्स कॉलेज के साथ-साथ उन जगहों पर भी पिंक बॉक्स लगवाने थे, जहां महिलाओं की आवाजाही ज्यादा होती है। तब पुलिस टीम ने गोलघर- इंदिरा बाल विहार सहित कुछ जगहों पर पिंक बॉक्स लगवाए भी। लेकिन बाद में देखभाल के अभाव में यह गायब होते चले गए।

क्या है पिंक बॉक्स

-शहर में कई जगहों पर शोहदे और मनचले दिन भर कोई न कोई हरकत करते हैं।

-लेकिन इस बारे में छात्राएं, महिलाएं और युवतियां खुलकर आवाज नहीं उठा पातीं।

-इसलिए व्यवस्था की गई कि बिना नाम, पते का जिक्र किए महिलाएं पिंक बॉक्स में शोहदों के बारे में जानकारी देंगी।

-इसके लिए एक लेटर बॉक्स बनाकर उसे गुलाबी कलर से रंग करके पिंक बॉक्स का नाम दिया गया।

-तय हुआ था कि एंटी रोमियो स्क्वॉयड टीम गश्त के दौरान बॉक्स को खोलकर पर्ची देखेगी।

-इसके आधार पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। ताकि शोहदों-मनचलों पर लगाम लगाई जा सके।

भूल गए अधिकारी

पिंक बॉक्स लगाने की शुरुआत तो जोर-शोर से हुई। लेकिन वक्त के साथ पुलिस अधिकारी इस योजना को भूल गए। फिलहाल स्कूलों में लगे पिंक बॉक्स सुरक्षित तो हैं। लेकिन लॉकडाउन में कॉलेज बंद होने से उनका उपयोग नहीं हो सका। अब जबकि ज्यादातर स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर खुल चुके हैं। युवतियों और छात्राओं की आवाजाही बढ़ गई है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से पिंक बॉक्स काफी जरूरी हो गया है।

वर्जन

पिंक बॉक्स कहां-कहां पर लगाए गए थे। इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। सभी थानों और पुलिस चौकियों पर पिंक बॉक्स अनिवार्य रूप से लगवाए जाएंगे। जल्द ही इसकी व्यवस्था हो जाएगी। एंटी रोमियो स्क्वॉयड की मीटिंग में इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।

-डॉ। एमपी सिंह, एसपी क्राइम- नोडल अफसर

बॉक्स

महिलाओं के लिए तीन रिपोर्टिग चौकी

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च को पुलिस महिलाओं को तीन रिपोर्टिग चौकियों का तोहफा देने जा रही है। जिले में दूरदराज की महिलाओं को अपनी फरियाद लेकर जिला मुख्यालय पर स्थित महिला थाने आने में दिक्कत होती थी। इसका संज्ञान लेते हुए डीआइजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कैंपियरगंज, बांसगांव और शहर कोतवाली में रिपोर्टिग चौकी खोलने का निर्णय लिया है। चौकियां संबंधित थाने में ही काम करेंगी और महिला थाने से संबंद्ध होंगी। इसके लिए महिला दारोगा और सिपाही की तैनाती कर दी गई है। औपचारिक उद्घाटन 8 मार्च को होगा। रिपोर्टिग चौकियों की मानीट¨रग एक एडिशनल एसपी को सौंपी गई है।