10 किलोमीटर तक दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम ने किया रियलिटी चेक

09 प्रमुख चौराहे सिटी के पड़ते हैं इस रूट पर

03 चौराहों पर ही पुलिस या पिकेट के जवान दिखे एक्टिव

01 चौराहे पर मिली पीआरवी वैन में सोते मिले पुलिस के जवान

arunkumar@inext.co.in

गोरखपुर सीएम सिटी है। सुरक्षा के लिहाज से मामला संवेदनशील है। खासतौर पर तब जबकि बीती दस रात में चोरी की करीब सात घटनाएं हो चुकी हैं। मंगलवार को सरेशाम एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बुधवार सुबह दो सेल्समैन से 30 लाख की लूट हो जाती है। इन सबके बीच जिले की पुलिस क्या कर रही है? पुलिस सो रही है। जीहां, मंगलवार रात दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक के दौरान कुछ ऐसा ही देखने को मिला। रात करीब 12 से 1.30 बजे के बीच दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम ने सिटी के प्रॉमिनेंट चौराहों का रियलिटी चेक किया। करीब 10 किलोमीटर के इस सफर में सिर्फ तीन चौराहे ऐसे मिले जहां पुलिस, पिकेट या पीआरवी मिली। वहीं विजय चौक पर तैनात डायल 112 की गाड़ी में जवान नींद में मस्त थे। यह आलम तब है जबकि पुलिस ने शहर में 'ऑपरेशन मिडनाइट' चला रखा है। आइए जानते हैं कैसा मिला रात में सिक्योरिटी का हाल

सन्नाटा और करतब दिखाते कार सवार

समय: रात 12.15 बजे

स्थान: कचहरी चौक

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम सबसे पहले पहुंची कचहरी चौक। दिन में बिजी रहने वाले इस चौराहे पर रात में सन्नाटा पसरा था। टीम करीब यहां 10 मिनट तक रुकी। इस दौरान किसी वर्दीधारी के दर्शन नहीं हुए। कुछ ट्रक और एक एंबुलेंस वहां से गुजरी। वहीं एक फोर व्हीलर सवार सड़क पर कुछ करतब दिखाते भी नजर आए।

न पुलिस, न पुलिस की परछाई

समय: 12.30 बजे

स्थान: घोष कंपनी चौक

यह चौराहा भी अपने आप में काफी अहमियत रखता है। जिला अस्पताल से आने वाली सड़क से रेती और नखास चौक इससे कनेक्ट होते हैं। लेकिन यहां पर भी पुलिस की परछाई तक देखने को नहीं मिली। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम करीब 20 मिनट तक वहां मौजूद रही। लेकिन इस दौरान ना तो कोई पुलिस कर्मचारी वहां से गुजरा। ना ही पुलिस की कोई गाड़ी। इसके बाद टीम आगे बढ़ गई।

किसी को परवाह भी नहीं

समय: 01.00 बजे

स्थान: शाहमारूफ मदीना मस्जिद

शाहमारूफ मदीना मस्जिद के आसपास बड़ी तादाद में दुकानें हैं। हमें उम्मीद थी कि यहां जरूर पुलिस मिलेगी। लेकिन यहां भी कोई नहीं मिला। टीम वहां रुककर फोटो बनाने लगी। तभी एक बाइक पर सवार तीन लोग गुजरे। उनके वहां से जाने के बाद एक अन्य बाइक वाला आया। वह नशे में धुत था और वहां पर रुक गया। लड़खड़ाते हुए उससने पूछा कि आप लोग मीडिया से हैं क्या? जवाब न मिलने पर आगे बढ़ गया। इसके बाद टीम रेती चौक पहुंची। घंटाघर जाने वाले रास्ते से लेकर बक्शीपुर रोड पर सन्नाटा पसरा था। यहां टीम की बातचीत सुनकर सामने के मकान की छत से एक व्यक्ति ने ताकझांक की। लेकिन फिर वह अंदर चला गया।

200 मीटर पर थाना, पुलिस नदारद

समय: 01 बजकर 15 मिनट

स्थान: लाल डिक्की चौक

-दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम लाल डिक्की चौक पहुंच चुके थे।

-कोहरा होने से रास्ते में गीताप्रेस के पास थोड़ी मुश्किल हुई।

-इस जगह पर भी पुलिस नहीं मिली। जबकि यहां से राजघाट थाना सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर है।

-कुछ देर में दो पुलिस वाले उधर से गुजरे। हालांकि देर रात घूमते अजनबियों को देखकर भी कुछ सवाल नहीं पूछा।

-10 मिनट बाद टीम आगे बढ़ी तो रहमत नगर पुलिस चौकी पर एक कांस्टेबल मोबाइल पर बिजी मिले।

-आगे जाने ख़ूनीपुर चौराहे के पास एक सिपाही पैदल जाते दिखे। लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं कहा।

यहां पुलिस का दिखा मानवीय चेहरा

चौरहिया गोला होते हुए हम लोग बक्शीपुर चौक पहुंचे। यहां पर हमें पुलिस का एक मानवीय चेहरा देखने को मिला। पुलिस कर्मचारी अलाव सेंक रहे थे। इसी दौरान वहां ठंड से कांप रहा एक मानसिक रोगी भी आ गया। पुलिसवालों ने उसे भी आग के पास बिठा लिया।

और सोते रहे कांस्टेबल

समय: 01.30 बजे

स्थान: विजय चौक

इस चौक पर पुलिस की पिकेट नहीं थी। लेकिन चौधरी होटल के सामने खड़ी पीआरवी 0316 नजर आई। गाड़ी में कुछ पुलिस कर्मचारी भी थे। लेकिन सभी बाहर की दुनिया से बेखबर नींद में डूबे हुए थे। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम वहां वीडियो बनाती रही, फोटोज लेती रही। लेकिन कर्मचारियों को कोई फर्क नहीं पड़ा। टीम के मेंबर्स आपस में जोर-जोर से बातें भी करते रहे। लेकिन पीआरवी में सोए सिपाहियों की नींद नहीं खुली।