गोरखपुर (ब्यूरो)। जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएनडीएस ने बाढ़ के पानी से बचाने के लिए 28 मार्च 2022 को 18.95 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर नगर निगम को सौंपा था। जिसमें चार्जिंग स्टेशन के बगल से महेसरा पुल के पास तक बंधा, एप्रोच रोड, प्रोटेक्शन डैम और एक रेगुलेटर का निर्माण किया जाना था। लेकिन प्रस्ताव को हरी झंडी न मिलने की वजह से निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। मासून की दस्तक कभी भी हो सकती है। ऐसे में अगर बारिश हुई तो महेसरा चार्जिंग बस स्टेशन का डूबना तय है। सबकुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार अफसर अब तक इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

पिछले साल बारिश में डूब गया था चार्जिंग बस स्टेशन

पिछले साल बारिश में महेसरा चार्जिंग बस स्टेशन का कैंपस के ऊपर तक पानी भर गया था। जिसकी वजह से निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्था को कठिनायों का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं निर्माण कार्य को पूरा कराने के लिए नाव चलाकर चार्जिंग स्टेशन के ऊपरी तल का कार्य किया जा सका। हालांकि इसी बीच अपर मुख्य सचिव ने महेसरा स्टेशन का दौरा कर बारिश के पानी को रोकने के लिए मुकम्मल इंतजाम करने के निर्देश दिए।

सीएंडडीएस ने 18.95 करोड़ का तैयार किया था प्रस्ताव

अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर जल निगम की कार्यदायी संस्था ने महेरा को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए 18.95 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया। प्रस्ताव के मुताबिक चार्जिंग स्टेशन के किनारे प्रोटेक्शन डैम, 11 मीटर का एप्रोच रोड जो महेसरा पुल तक बनाया जाना है। चार्जिंग स्टेशन के चारों तरफ नगर निगम की जमीन है, यहां पर डैम बनाकर प्रोटेक्ट किया जाना था। साथ ही बंधा और एक रेगुलेटर पंप भी स्थापित किया जाना है। कार्यदायी संस्था ने प्रस्ताव बनाकर नगर निगम को सौंप दिया था, लेकिन प्रस्ताव पास नहीं होने की वजह से मामला अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा है।

27 इलेक्ट्रिक बसों की लागत करीब 23 करोड़

पीएमआई एक्सपर्ट के अनुसार बारिश से पहले महेसरा चार्जिंग स्टेशन को बाढग़्रस्त होने से बचाया नहीं गया और इसके लिए कोई वैल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो 23 करोड़ रुपए पर पानी फिर सकता है। इलेक्ट्रिक बसों के लिए पानी काफी हानि पहुंचा सकता है।

यह होगी समस्या -

- परिसर में पानी भरने से चार्जिंग बंद हो जाएगा

- ट्रांसफॉर्मर और पैनल बंद हो जाएगा

- बसों की चार्जिंग में प्रॉब्लम

- बस में चार इंच पानी भी उसके लिए हानिकारक है

- बस के अंदर पानी भरने से स्पीड का कम होना आदि

चार्जिंग बस स्टेशन को बाढग़्रस्त से बचाने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा गया है। उन्हें अवगत कराया गया है कि इससे निपटने के लिए वीसी आवास के सामने नगर निगम वर्कशॉप के पास चार्जिंग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाए ताकि बसों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके।

- पीके तिवारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, गोरखपुर ट्रोसपोर्ट सर्विसेंज लिमिटेड