- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने गोरखपुर स्टेशन की पड़ताल

- रेलवे स्टेशन के इंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर नहीं है सुरक्षा

- एक्सरे बैगेज स्क्रीनर मशीन खराब, पैसेंजर्स के सामनों की नहीं होती है जांच

- इंट्री प्वाइंट पर सैनिटाइजर के साथ पैसेंजर्स की नहीं होती थर्मल स्क्रीनिंग

<- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने गोरखपुर स्टेशन की पड़ताल

- रेलवे स्टेशन के इंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर नहीं है सुरक्षा

- एक्सरे बैगेज स्क्रीनर मशीन खराब, पैसेंजर्स के सामनों की नहीं होती है जांच

- इंट्री प्वाइंट पर सैनिटाइजर के साथ पैसेंजर्स की नहीं होती थर्मल स्क्रीनिंग

GORAKHPUR:

GORAKHPUR: कोरोना इफेक्ट कम होने के बाद भले ही रेलवे स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया, लेकिन रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाएं अभी प्रॉपर नहीं हो सकी है। कोरोना संक्रमण का हवाला देकर रेल प्रशासन ने लिफ्ट व एस्केलेटर बंद कर रखा है। बैग स्कैनर मशीनें करीब साल से खराब है। मेटल डिटेक्टर भी काम नहीं कर रहे हैं। हैंड हेल्ड मशीन से जांच नहीं होती है। लिहाजा प्लेटफॉर्म पर जाने वाले पैसेंजर्स की सुरक्षा भगवान भरोसे है। कुछ भी साथ लेकर जाएं, कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। ऐसे में सुविधा के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठता है।

बैग स्कैनर भी खराब

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रविवार को स्टेशन व्यवस्था की पड़ताल की। इस बीच गोरखनाथ स्पेशल ट्रेन पकड़ने के लिए कुछ पैसेंजर्स आ रहे थे। स्टेशन पर जाने के लिए यात्री सामान लेकर एस्केलेटर की सीढि़यों पर चलते दिखे। पास जाने पर पता चला कि एस्केलेटर अभी चालू नहीं किया जा रहा है। फ‌र्स्ट एंट्री गेट और एसी लाउंज वाले इंट्री प्वाइंट पर बैग स्कैनर मशीन खराब मिली। वहां तैनात आरपीएफ कर्मी ने बताया कि लॉकडाउन के पहले से ही बैग स्कैनर मशीन खराब थी। पता चला कि सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी मशीन एक साल से नहीं बनवाई जा सकी है। मशीन ठीक करने वाली कंपनी बाहर की है, इसलिए मामला लटका है। यहां पहले मेटल डिटेक्टर लगा था। खराब होने के कारण उसे हटा लिया गया।

गायब मिले कर्मी

जनरल काउंटर के पास तीसरे प्रवेश द्वारा पर भी हाल वहीं मिला है। बैग स्कैनर मशीन के साथ ही दो मेटल डिटेक्टर भी खराब नजर आए। सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए आरपीएफ को हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर दिए गए हैं। बावजूद इसके पड़ताल के समय एक भी आरपीएफ कर्मी पैसेंजर्स की जांच करते नहीं नजर आए।

किराया बढ़ा दिया सुविधा नदारद

देवरिया सलेमपुर के रहने वाले अमित सिंह ने बताया कि कोरोना संकट के बीच ट्रेन का किराया बढ़ा दिया गया, लेकिन यात्री सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं हैं। हम सामान लेकर स्टेशन पर पहुंच गए लेकिन कहीं भी जांच नहीं हुई। लोग सामान लेकर बड़ी आसानी से स्टेशन पर आ जा रहे हैं। एस्केलेटर बंद है, किसी तरह सामान लेकर स्टेशन पर पहुंचे। पता रहता तो इंट्री प्वाइंट से ही जाते।

बे-रोकटोक एंट्री

मेन वेटिंग हाल के जिस गेट को एंट्री के लिए खोला गया है, वहां पर कोविड की गाइडलाइन को पलीता लगाया जा रहा है। यहां पर किसी की भी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की जा रही है। यहां तक कि लोग बिना मास्क के ही प्लेटफॉर्म पर सीधे एंट्री कर जा रहे हैं कोई पूछने वाला तक नहीं है।

पब्लिक भी कम नहीं

संक्रमण से लड़ने की जिम्मेदारी केवल रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन व स्टाफ की ही नहीं है, बल्कि पब्लिक की भी है। स्टेशन पहुंच रहे पैसेंजर्स को भी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए, लेकिन पब्लिक भी कम नहीं है। यहां पहुंचे लोगों में से शायद ही कोई मुंह पर मास्क लगाए दिख जाए। पूरे कैंपस में बैठे लोगों में ज्यादातर बिना मास्क के ही दिखायी दिए।

सैनिटाइजेशन भी भगवान भरोसे

अपनी ट्रेन में सवार होने के लिए स्टेशन पहुंचने वालों इंट्री प्वाइंट पर बकायादा सैनिटाइजर मशीन लगाई गई हैं, लेकिन यह काम नहीं कर रहा है। वह अपनी हालत पर ही आंसू बहाता दिखा। हैंडवॉश लिक्विड तक गायब दिखा।

लिफ्ट व एस्केलेटर को कोविड-क्9 की वजह से बंद किया गया है। बैग स्कैनर मशीन और मेटल डिटेक्टर लगाने वाली फर्म को कई बार नोटिस दिया गया है लेकिन फर्म ने इसे ठीक नहीं कराया। अब नई फर्म से अनुबंध कर इसे जल्द ही ठीक कराया जाएगा। सुरक्षा के लिए मेन इंट्री प्वाइंट पर आरपीएफ के जवान लगाए गए हैं।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ