- विजिलेंस की छापेमारी में सबसे बड़ा बिजली चोरी का मामला हुआ था उजागर

- पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ने खंड के एक्सईएन, एसडीओ व जेई को पांच बिंदुओं पर दिए पत्र

- आरोप पत्र मिलने से अभियंताओं में मचा हड़कंप

GORAKHPUR: सिकरीगंज के भेउसा उर्फ बनकटवा गांव में सीमेंट ब्रिक व म‌रु्गीदाना बनाने वाली फैक्ट्री के संचालकों से मिलीभगत थी। इस पर करीब 76 लाख की बिजली चोरी के प्रकरण में पूवरंचल एमडी ने खंड के एक्सईएन, एसडीओ व जेई को पांच बिन्दुओं पत्र दिया है। आरोप पत्र मिलने से अभियंताओं में हड़कंप मचा है। अब अभियंताओं को कार्रवाई का भय सता रहा है।

अवैध एचटी लाइन व ट्रांसफार्मर से चोरी

विजिलेंस टीम द्वितीय ने 17 मार्च को सिकरीगंज विद्युत वितरण खण्ड क्षेत्र में एक फैक्ट्री परिसर में अवैध एचटी लाइन व 25 केवीए ट्रांसफार्मर के माध्यम से बिजली चोरी पकड़ी थी। टीम प्रभारी ने बिजली थाने में फैक्ट्री संचालक के खिलाफ बिजली चोरी का केस दर्ज कराया था। प्रभारी ने तहरीर में इस बिजली चोरी में विभागीय मिलीभगत की आंशका जताई थी। तत्कालीन सीई ने जांच कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई, लेकिन उस वक्त कार्रवाई नहीं हो पाई। ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर ऊर्जा निगम के चेयरमैन ने बीती जुलाई में जांच कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए तीनों सदस्यों को आरोप पत्र दिया। अब चेयरमैन के निर्देश पर पूवरंचल एमडी ने सिकरीगंज खंड के एक्सईएन, एसडीओ व जेई को पांच बिन्दुओं पर आरोप पत्र देकर सात दिन में जबाव मांगा है।

पूर्वाचंल एमडी ने आरोप पत्र में पूछा

- खंड के क्षेत्र में फैक्ट्री संचालक ने कैसे 25 केवीए ट्रांसफार्मर लगा लिया?

- उसे ऊर्जीकृत करने के लिए एचटी लाइन भी बना ली?

- डेढ़ साल तक कैसे बिजली इस्तेमाल करता रहा?

- आरोपी ने विभाग से संपर्क किया या नहीं?

- ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जेई व एसडीओ अपने क्षेत्र में भ्रमण नहीं करते हैं।

सिकरीगंज खंड में बिजली चोरी प्रकरण में जांच टीम के बाद खंड के एक्सईएन, एसडीओ व जेई को भी आरोप पत्र मिला है। पूवरंचल एमडी कार्यालय से आए आरोप पत्र को अभियंताओं को भेजकर रिसीव करा दिया है। उनके जवाब मिलने पर उसे भेज दिया जाएगा। जो भी गलत करेगा, उसके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई तय है।

ई। राजेन्द्र प्रसाद, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन