- गवर्नमेंट के निर्देश पर 23 फरवरी से तीन दिन हेल्थ डिपार्टमेंट सिटी के 132 हास्पिटल संचालकों को देगा ट्रेनिंग

- नर्सिग होम से बनेगा बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट, नहीं लगाना होगा चक्कर

GORAKHPUR: बच्चों के जन्म के बाद अब गोरखपुराइट्स को उनके नन्हें मासूमों के जन्म का प्रमाण भी मिल सकेगा। इसके लिए न तो उन्हें नगर निगम में दौड़भाग कर पसीना बहाने की जरूरत होगी और न ही उन्हें किसी तरह की कोई माथा-पच्ची करनी पड़ेगी। गवर्नमेंट ने बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट की सुविधाओं को आसान बनाने के लिए हास्पिटल को पूरी तरह से इसके लिए तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। शासन के निर्देश के बाद सीएमओ दफ्तर में सिटी के हास्पिटल संचालकों के साथ मीटिंग कर इसकी ट्रेनिंग देने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। इससे जहां लोगों को निगम के चक्कर काटने से छुटकारा मिलेगा, वहीं उम्र को लेकर होने वाले फर्जीवाड़े पर भी लगाम कसेगी।

23 से शुरू होगी ट्रेनिंग

बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल स्कूल्स, इंश्योरेंस आदि चीजों के लिए बहुत ज्यादा किया जाता है। डेथ सर्टिफिकेट भी प्रॉपर्टी व पेमेंट के लिए काफी अहम है। इन दोनों सर्टिफिकेट को बनवाने में अप्लीकेंट्स के समय व पैसे दोनों बबार्द होते थे। ऐसे में लोगों को सहूलियत देने के लिए हॉस्पिटल में ही इन्हें जारी करने की व्यवस्था की जा रही है। सीएमओ आफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट के लिए 132 हॉस्पिटल्स संचालकों को 23, 24 व 25 फरवरी को सीएमओ दफ्तर के प्रेरणा सभागार में ट्रेनिंग दी जाएगी।

हॉस्पिटल संचालक को मिलेगा पासर्वड

- सभी हॉस्पिटल में यह व्यवस्था चल सके, इसके लिए सभी संचालकों को प्रॉपर ट्रेनिंग दी जाएगी।

- वेबसाइट crsorgi.gov.in पर कैसे वर्क करना है और कैसे डाटा अपलोड करना है, इन सभी चीजों के बारे में डिटेल्स जानकारी दी जाएगी।

- इसके साथ ही साथ कैसे लॉगिन करना है, इसकी इंफॉर्मेशन दी जाएगी।

- कैसे इसकी गोपनियता बनाए रखी जाए, इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।

- नर्सिंग होम संचालकों को इसके लिए लॉग-इन आईडी व पासवर्ड भी प्रोवाइड किया जाएगा।

- न्यू बॉर्न बेबी के जन्म लेते ही उसकी पूरी सूचना वेबसाइट पर अपलोड कर देंगे।

- इसी प्रकार किसी भी व्यक्ति की हास्पिटल में मौत होने पर उसका डेथ सर्टिफिकेट भी पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी।

कैसे करेगा वर्क?

- हास्पिटल में जैसे ही बच्चे के जन्म लेने या फिर किसी व्यक्ति के मौत होती है तो उसकी रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड होगी।

- यह डीटेल्स सीधे नगर निगम के पास चली जाएगी।

- नगर निगम के अधिकारी अपने यहां डाटा सेव करते हुए उसे एप्रूव्ड करेंगे।

- इन सब प्रक्रिया के लिए एक हफ्ते का मैक्सिमम टाइम निर्धारित होगा।

- फिर लाभार्थी घर बैठे ही वह अपना बर्थ या फिर डेथ सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेगा।

यह होगा नियम?

- 21 दिन के भीतर अप्लाई करने के लिए हॉस्पिटल से एकदम निशुल्क सर्टिफिकेट मिलेगा।

- 22वें दिन से 30 वें दिन तक विलंब शुल्क के साथ दो रुपए शुल्क देय होगा।

- 31 दिन से उपर और एक साल के भीतर शहरी क्षेत्र में अप्लीकेंट्स को डिप्टी सीएमओ अप्रूव करेंगे।

- एप्रूव्ल कराने के बाद नगर निगम बर्थ सर्टिफिकेट या डेथ सर्र्टिफिकेट जारी करेगा।

- वहीं रूरल एरिया में जिला पंचायत राज अधिकारी जारी करेंगे।

- एक साल से उपर होने पर एसडीएम स्तर से सर्टिफिकेट जारी होंगे।

स्टैटिस्टिक -

नर्सिग होम-हास्पिटल की संख्या - 260

आई हास्पिटल की संख्या - 02

डेंटल क्लीनिक - 24

मैटर्निटी होम - 07

मेडिकल क्लीनिक - 168

बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट के लिए चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हॉस्पिटल संचालकों के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी। 23, 24 व 25 फरवरी को ट्रेनिंग के दौरान बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट संबंधी जानकारी दी जाएगी।

- डॉ। सुधाकर प्रसाद पांडेय, सीएमओ