गोरखपुर (ब्यूरो).शासन ने एक हफ्ते में सर्वे कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब स्थापना को मंजूरी दी है। सरकार के निरीक्षण के बाद तय स्थल पर लैब स्थापना का कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

एक ही जगह करेंगे काम

शासन की मंशा है की संचारी व गैर संचारी रोगों से जुड़ी हर जांच 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। इस प्रयोगशाला में सभी प्रोग्राम के लैब टेक्नीशियन एक ही जगह काम करेंगे। यह लैब शुरू होने के बाद टीबी, मलेरिया, एड्स समेत अन्य पैथोलॉजी में होने वाली जांचों के लिए पेशेंट्स को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। जिला अस्पताल परिसर में पांच हजार वर्ग फीट में संचालित होने वाले प्रयोगशाला में 90 प्रकार की जांच मिलेंगी, जिसमें किसी भी पेशेंट्स को अलग जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक ही जगह सभी प्रोग्रामों के लैब टेक्नीशियन करेंंगे।

ये टेक्नीशियन करेंगे कार्य

इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना के लिए शासन ने जिला अस्पताल प्रशासन को पत्र लिखकर जमीन मांगी है। इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना की तैयारियों के मुताबिक इसमें 11 लैब टेक्नीशियन, एक माइक्रो बायोलॉजिस्ट, एक बायोकेमिस्ट के साथ पैथोलाजिस्ट की तैनाती की जाएगी।

आईपीएचएल के अंदर सेवाएं

आईपीएचएल इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब में डेंगू, चिकनगुलिया, स्क्रबटाइफस, मलेरिया, एक्टयूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम, कालाजार, डायरिया, टीबी समेत संचारी रोगों से जुड़ी जरूरी जांचें तथा कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, आईडीएसपी, आरटीपीसीआर, समेत समेत अन्य सभी गैर संचारी रोगों के पेशेंट्स की होने वाली महत्वपूर्ण जांचें होंगी।

नए लैब की स्थापना के लिए शासन की ओर से पत्र आया है। पांच हजार वर्ग फीट जमीन की जरूरत है। इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा।

- डॉ। राजेंद्र ठाकुर, एसआईसी जिला अस्पताल