- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 20 से अधिक मरीजों के आंसुओं में मिल चुका है संक्रमण

GORAKHPUR:

कोरोना की सेकेंड वेव कमजोर पड़ने के बाद आए दिन नए-नए मामले स्टडी में सामने आ रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में की गई स्टडी में कोरोना संक्रमित मरीजों के आंसुओं से के जरिए आंख तक संक्रमण पहुंच गया। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस तरह के 20 से अधिक मरीज मिल चुके हैं।

माइक्रोबायोलॉजी में हुई जांच

कोरोना पेशेंट के आंसुओं का सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट को भेजा गया था। इनके आंसुओं की जांच में कोविड संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें दो मरीज ऐसे हैं, जिनके एक-एक आंख की रोशनी भी जा चुकी है। जबकि दूसरी आंखों की रोशनी बचाने के लिए ऑपरेशन करना पड़ा। एक्सपर्ट की मानें तो अगर आंखों में ज्यादा लालीपन और जलन हो तो एक बार नेत्र रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं।

सेकेंड वेव में मिले मरीज

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के अनुसार कोरोना संक्रमण के मामले कम तो हो गए हैं। लेकिन संक्रमण के नए-नए लक्षण लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आई डिपार्डमेंट के हेड डॉ। रामकुमार जायसवाल ने बताया, कोरोना संक्रमण के लक्षण बॉडी के किस अंग में आ जाएं, यह बता पाना मुश्किल है। दूसरी लहर में ऐसे भी मरीज मिले हैं, जिनके आंखों के आंसुओं में कोरोना के वायरस मिले हैं। आंखों की लालीपन की समस्या लेकर बीआरडी में 60 मरीज पहुंचे थे। इनके आंसुओं की आरटीपीसीआर जांच कराई गई तो इसमें 20 मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई है। इन मरीजों में खास बात यह थी कि इनके अंदर संक्रमण का असर शरीर के किसी और हिस्से में नहीं था। केवल आंखों में ही समस्या थी। ऐसे मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया गया।

दो पेशेंट के एक-एक आंख की चली गई रोशनी

डॉ। जायसवाल ने बताया, कोरोना संक्रमण का शिकार हुए पेशेंट के एक-एक आंख की रोशनी भी चली गई। इनमें एक महराजगंज और दूसरा गोरखपुर सिटी का रहने वाला है। दोनों मरीजों की उम्र 45 से 50 वर्ष के बीच है। इन मरीजों की दूसरी आंख की रोशनी बचाने के लिए ऑपरेशन करने पड़े। दोनों मरीजों का फॉलोअप भी किया जा रहा है। अभी उनकी स्थिति ठीक हैं। इन मरीजों में ब्लैक फंगस के भी लक्षण मिले हैं। उन्होंने बताया कि यह संकेत बेहद खतरनाक है।

बॉडी के दूसरे हिस्सों में भी आंसू फैला सकते हैं संक्रमण

डॉ। जायसवाल ने बताया कि ऑक्युलर मैनिफेस्टेशन वह लक्षण है, जो शरीर में होने वाले किसी रोग की वजह से आंख पर असर डालता है' ऑक्युलर मैनिफेस्टेशन लक्षण वाले 50 प्रतिशत मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। यह संक्रमण दिमाग की नस तक भी जा सकता है।

फैक्ट फीगर

59,376 कुल पॉजिटिव केस

58,506 अब तक स्वस्थ हुए

848 की अब तक मौत

16 एक्टिव केस

वर्जन

20 मरीजों के आंसुओं का सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच की गई तो उनके आंसुओं में कोरोना वायरस पाया गया। चौंकाने वाली बात यह थी कि सभी की सीटी वैल्यू भी बेहद कम थी। यह ज्यादा गंभीर श्रेणी के मरीजों में शामिल थे। इनके आंसुओं से दूसरों को भी संक्रमण का खतरा हो सकता है।

डॉ। अमरेश सिंह, एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट, बीआरडी मेडिकल कॉलेज