- 16 जनवरी से वैक्सीनेशन में जुटीं नुजहत को हेल्थ डिपार्टमेंट ने सराहा

- जिला अस्पताल के एमआरआई भवन में बनाए गए इंटरनेशनल जर्नी बूथ पर चलता रहा वैक्सीनेशन

GORAKHPUR: फेस्टिवल चाहे कोई हो, हर कोई अपने फैमिली मेंबर्स के बीच फेस्टिवल को सेलिब्रेट करने के लिए छुट्टी लेकर घर जाता है, लेकिन आज भी हमारे बीच कुछ ऐसे लोग हैं, जो अपने काम को ही इबादत मानते हुए उसे फेस्टिवल की तरह मनाते हैं। दरअसल, जिला अस्पताल की जीएनएम नुजहत परवीन ने बकरीद पर घर न जाकर काम को प्राथमिकता देते हुए 'इंटरनेशनल जर्नी' बूथ पर दिनभर वैक्सीनेशन करती रहीं। वह अपने बूथ से इतना लगाव रखती हैं कि साथ में काम करने वाले साथियों के साथ बकरीद सेलिब्रेट की। इसके लिए सीएमओ डॉ। सुधाकर पांडेय ने इस कार्य के लिए नूजहत और उनके साथियों को एप्रिसिएट किया।

सेंशन हुई थी चार दिन की छुट्टी

16 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन जारी है। तब से लेकर अभी तक नुजहत परवीन जिला अस्पताल में वैक्सीनेशन के लिए तैनात हैं। उनके बेहतरीन कार्य को देखते हुए अब उन्हें इंटरनेशनल जर्नी बूथ पर तैनात किया गया है। जितने भी एनआरई वैक्सीनेशन के लिए आते हैं, उन सभी के डाक्यूमेंट्स को वेरिफाई करना और फिर उसे वैक्सीनेशन के लिए राह दिखाना, यह सबकुछ नुजहत के जिम्मे है। बकरीद पर होने वाली भीड़ को देखते हुए उन्होंने अपनी छुट्टी रद्द करते हुए घर जाने से इंकार कर दिया, जबकि विभाग के अधिकारियों ने उन्हें चार दिनों के लिए छुट्टी भी दी थी। फिर भी नूजहत ने अपने काम को प्राथमिकता देते हुए वैक्सीनेशन के कार्य पर जोर दिया।

बार-बार घर वाले बुलाते रहे

कुशीनगर जिले के झनकौल गांव निवासी नूजहत परवीन वैसे तो गोरखपुर के हजारीपुर मोहल्ले में किराये के मकान में रहती हैं, लेकिन घर वालों के बार-बार बूलाने के बाद भी वह अपने वैक्सीनेशन के कार्य को पूरा करने के लिए नहीं गईं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि वे 16 जनवरी से लगातार डाटा ऑपरेटर कूलिग अल्का के साथ काम में लगी हैं। वहीं वैक्सीनेटर वर्तिका और अनीता अब तक चार लाख से अधिक लोगों को वैक्रीन लगा चुकी हैं।

300 से अधिक आते हैं एनआरआई

ऑपरेटर अल्का बताती हैं कि इंटरनेशनल जर्नी बूथ पर प्रतिदिन 300 से ऊपर एनआरई आते हैं, उनके डाक्यूमेंट्स वेरिफाई के बाद डाटा अपडेट किया जाता है। वे बताती हैं कि एनआरआई के अलावा प्रतिदिन 200 के करीब सामान्य लाभार्थी आते हैं, जिन्हें वैक्सीन लगाई जाती है। काम पूरा होने के बाद ही हम सभी सेंटर से निकलते हैं। वैक्सीनेटर वर्तिका और अनीता बताती हैं कि किसी भी लाभार्थी को मायूस होकर लौटने नहीं देते, जो आ गया, उसका वैक्सीन लगा दी जाती है। साथ ही वैक्सीन की एक-एक डोज का ख्याल रखा जाता है।

एनआरआई को वैक्सीनेशन के लिए ये जरूरी

- पासपोर्ट की फोटोकॉपी

- फ‌र्स्ट डोज का ऑनलाइन सर्टिफिकेट

- मोबाइल नंबर

- 28वें दिन कोविशील्ड की दूसरी डोज के लिए पहले डोज का सर्टिफिकेट

वर्जन

नुजहत को विभाग से छुट्टी मिली थी, लेकिन उन्होंने अपने काम को प्राथमिकता दी। वे वैक्सीनेशन के काम में जुटी रहीं। यह सराहनीय है।

डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ