-डीडीयू के अंग्रेजी डिपार्टमेंट में गुरुवार से शुरू हुई सात दिवसीय सेमिनार

GORAKHPUR: गुणवत्तापूर्ण शोध के माध्यम से ही यूनिवर्सिटी की स्पेशल पहचान बनती है। इसी से ही अच्छी रैंकिंग बनती है। बदलते दौर के साथ-साथ शोध में भी बदलाव आवश्यक है। अच्छे शोधों से ही शैक्षणिक विकास होता है। उत्कृष्ट शोध के लिए शोधार्थियों हेतु अनुसंधान पद्धति पर कार्यशाला का आयोजन बहुत ही आवश्यक है जिससे कि वे विभिन्न प्रकार की पद्धतियों से परिचित हो सकें और शोध में नवीनता ला सकें। ये बातें डीडीयू के वीसी प्रो। राजेश सिंह ने अंग्रेजी विभाग द्वारा मानविकी में शोध पद्धति बदलते प्रतिमान विषय पर आयोजित 7 दिवसीय ऑनलाइन सेमिनार के उद्घाटन सत्र में कही।

अनुसंधान के महत्व को बताया

चीफ गेस्ट लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की आचार्य एवं निदेशक महिला विकास केंद्र लखनऊ विश्वविद्यालय प्रो। निशि पांडेय ने शिक्षाविदों के बीच अनुसंधान के महत्व के बारे विस्तार से बताया। स्पेशल गेस्ट आईआईटी रुड़की के प्रो। नागेंद्र कुमार ने मानविकी में अनुसंधान की प्रकृति के बारे में विधिवत चर्चा किया। समन्वयक प्रो। अजय कुमार शुक्ल ने कार्यशाला के उद्देश्यों का विवरण देते हुए कहा कि शोध की नैतिकता और इसकी वैधता पर ध्यान देना होगा। स्वागत अधिष्ठाता कला संकाय प्रो। नंदिता सिंह धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभाग की प्रो। हुमा जावेद सब्जपोश द्वारा किया गया। संचालन डॉ संजीव कुमार विश्वकर्मा ने किया।