GORAKHPUR:

कोरोना के कारण 23 अप्रैल से बंद चल रहे लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का काम सोमवार से शुरू हो गया। इस दौरान लर्निग और परमानेंट लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों की भारी भीड़ जमा हो गई। देखते ही देखते आवेदकों की लंबी लाइन लग गई। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती हुई नजर आई। बेपरवाह जिम्मेदार भी ऑफिस में बैठक कर सिर्फ फाइलों को पलटते रहे, लेकिन किसी ने भी जहमत नहीं उठाई। मामला बिगड़ता देखकर आनन-फानन में पहले दिन सिर्फ आठ लोगों की ही लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन किया। इनमें से सिर्फ छह आवेदक ही परीक्षा देने पहुंचे। जिनका लाइसेंस बनाया गया। जबकि 320 लोगों को बुलाया गया था।

आरटीओ में सोमवार जैसे ही लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का कार्य शुरू हुआ। लोग लाइसेंस के लिए जद्दोजहद करते हुए नजर आए। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन नजर नहीं आया। बताते चलें कि कोरोना के कारण आरटीओ में लाइसेंस से संबंधित सभी कार्य बंद कर दिए गए थे। कोरोना के मामले कम होने के बाद 31 मई से परमानेंट लाइसेंस बनने शुरू किए गए। इसके बाद 16 जून से लाइसेंस के रिन्युअल व द्वितीय प्रति का काम शुरू हो गया था। एक जुलाई से लर्निग लाइसेंस का काम शुरू होना था लेकिन कोरोना के मामले काफी कम होने के कारण मुख्यालय ने इसे 21 जून से ही शुरू करने के निर्देश दिए। इसके लिए पहले बुक कराए गए स्लॉट को कैंसिल कर दिया गया। जिसके बाद स्लॉट बुकिंग शुरू हुई।

सर्वर ने किया परेशान

आरटीओ में सोमवार को स्थाई लाइसेंस एवं लाइसेंस का रिन्युअल कराने आए आवेदकों का सर्वर के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा। सर्वर नहीं चलने से आवेदकों की लंबी कतार लग गई। इस दौरान कोविड गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती रही, लेकिन जिम्मेदार बेपरवाह नजर आए। आरटीओ ने बताया कि बीएसएनएल के कनेक्शन में गड़बड़ी आने के करण सर्वर बैठ गया। ऐसे में लाइसेंस से संबंधित कार्य रुक गए। समस्या को देखते हुए बीएसएनएल के जिम्मेदारों को बुलाया गया। इसके बाद किसी तरह लाइसेंस का काम शुरू हो सका।

पहले दिन सिर्फ आठ लोगों ने ही अस्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन किया। इन्हें इसी दिन का स्लॉट भी मिल गया। लेकिन परीक्षा देने सिर्फ छह आवेदक ही पहुंचे। जिनके अस्थाई लाइसेंस बनाए गए। सर्वर डाउन होने की वजह से दिक्क्त आई थी। जिसे दूर कर लिया गया।

- श्याम लाल, एआरटीओ प्रशासन