- गोरखपुर मंडल के अंतर्गत आने वाले जिले महाराजगंज, देवरिया और कुशीनगर के आईसोलेशन वार्ड में कराना होगा एडमिट

- तीन जिले के मरीजों के नहीं आने से बीआरडी पर नहीं होगा लोड, कोआर्डिनेशन में नहीं होगी दिक्कत

GORAKHPUR:

बीआरडी मेडिकल कालेज के आईसोलेशन वार्ड में अब कोरोना के सीरियस मरीज ही एडमिट किए जाएंगे। यानी की बहुत ही गंभीर हालत में कोई 60 वर्ष से अधिक का बुजुर्ग या फिर 10 साल से कम उम्र का बच्चा कोरोना पॉजिटिव एडमिट होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कवायद भी शुरू कर दी गई है। दरअसल, गोरखपुर मंडल के चारों जिले में प्रवासी मजूदरों के आने के बाद से ही कोरोना के केसेज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। गोरखपुर में आने वाले कोरोना केसेज को जहां रेलवे हॉस्पिटल के 200 बेड वाले आईसोलेशन वार्ड में एडमिट करने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। वहीं गोरखपुर मंडल के देवरिया, महाराजगंज और कुशीनगर जिले से आने वाले कोरोना के पेशेंट्स को उन्हीं के जिले में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में एडमिट करने का निर्देश दे दिया गया है। इन तीन जिले से वे ही पेशेंट्स बीआरडी में एडमिट होंगे जो बेहद सीरियस होंगे। नहीं तो उनका वहीं इलाज होगा।

200 बेड के रेलवे हॉस्पिटल में होगा इलाज

सीएमओ ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोरोना के सामान्य केसेज एडमिट नहीं होंगे। गोरखपुर जिला समेत देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज जिले से आने वाले वाले कोरोना मरीजों को रेलवे हॉस्पिटल के 200 बेड वाले आईसोलेशन वार्ड में एडमिट करने का सिलिसला शुरू हो गया है। इनकी देखरेख के लिए डॉक्टर्स पर्याप्त हैं। लेकिन जैसे ही गोरखपुर मंडल के महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर में उनकी आईसोलेशन वार्ड की तैयारी पूरी हो जाती है। उसके बाद इन तीन जिले के पेशेंट को उन्हीं के जिले में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में एडमिट करना होगा। ज्यादातार चांसेज हैं कि मंगलवार से इन मरीजों का इलाज भी उन्हीं के गृह जनपद में हो सकेगा। इस व्यवस्था से कोआर्डिनेशन नहीं बिगड़ने पाएगी।

12 दिन का होगा आईसोलेशन में एडमिशन

सीएमओ ने बताया कि पहले जहां पेशेंट को 14 दिन आईसोलेशन वार्ड में एडमिट किया जाता था। वहीं अब डेट ऑफ सैंपलिंग से सिर्फ 12 दिन ही आईसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। सीएमओ ने बताया कि रेलवे के आईसोलेशन वार्ड में उन्हीं मरीजों को एडमिट किया जाएगा। जो दूसरी बीमारियों से ग्रस्त नहीं हैं। ऐसे लोगों को रेलवे हॉस्पिटल में रखकर इलाज किया जाएगा। जबकि बीआरडी के आईसोलेशन वार्ड में सीरियस पेशेंट का इलाज होगा। जिन्हें गंभीर बीमारी हुई हो। जैसे- किडनी, लिवर, सांस संबंधी आदि समस्याएं हों।

3 जून तक हो जाएंगे डिस्चार्ज

एक तरफ जहां तेजी के साथ कोरोना केसेज बढ़ रहे हैं। वहीं सीएमओ ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को यह भी बताया कि 12 दिन की मियाद पूरी करने वाले करीब एक दर्जन से अधिक मरीज हो चुके हैं। धीरे- धीरे करके 3 जून तक एक दर्जन से अधिक मरीज डिस्चार्ज हो जाएंगे। सिर्फ एक केस सीरियस है। बाकी गोरखपुर के जितने भी केस हैं। उनकी स्थिति कंट्रोल में है। उनका प्रॉपर इलाज चल रहा है।

वर्जन।

गोरखपुर के अलावा दूसरे जिले के पेशेंट के बीआरडी में एडमिट होने से को-आर्डिनेशन नहीं हो पाता था। इससे दिक्कत होती थी। अब ऐसा नहीं होगा। अब पेशेंट्स के गृह जनपद में ही उनका इलाज हो सकेगा।

डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ