-कोरोना की वजह से थम गया डीजे, आर्केस्ट्रा का शोर

-जमा पूंजी हुई खत्म, अपना हुनर छोड़ दूसरे काम में लगे संचालक

-अनलॉक के बाद भी इवेंट में नहीं दिखा रहे इंट्रेस्ट, बुकिंग पर भी असर

GORAKHPUR:

कोरोना वायरस ने पूरे देश में दहशत का माहौल व्याप्त कर दिया तो दूसरी ओर इवेंट इंडस्ट्री का धंधा भी मंदा हो गया। तब से लेकर अब तक तक डीजे और आर्केस्ट्रा से जुड़े लोगों का अपना हुनर दिखाने का मौका नहीं मिला। पहले जो कमाया वह खर्च कर चुके हैं। अपना और परिवार का खर्च चलाने के लिए उन्होंने फास्ट फूड का धंधा अपना लिया है। जहां लग्न के सीजन में 100 से 200 की बुकिंग हो जाती है। लेकिन अनलॉक के बाद से केवल एक डीजे संचालक 21 बुकिंग ही कर पाया है। आलम यह हैं कि लाखों की पूंजी लगाकर बिजनेस करने वाले डीजे और आर्केस्ट्रा संचालक पूरी तरह से टूट चुके हैं। सरकार की ओर से अनलॉक की घोषणा के बाद से कुछ उम्मीद जगी है लेकिन नवंबर और दिसंबर में सिर्फ पांच से सात लग्न होने के नाते कमाई पर असर पड़ रहा है।

कोरोना काल में डीजे व आर्केस्ट्रा से कतरा रहे लोग

मैरिज फंक्शन हो या फिर अन्य सेलिब्रेशन व पार्टी डीजे, आर्केस्ट्रा के बगैर इवेंट अधूरे रहते हैं। यह बड़ी इंडस्ट्री है। सिटी में लगभग पांच सौ डीजे, आर्केस्ट्रा है। इस इंडस्टी से जुड़े हजारों आर्टिस्ट आदि का घर-परिवार चलता है पर उन पर कोरोना की मार ऐसी पड़ी कि अब तक उबर नहीं पा रहे हैं। लॉकडाउन में पूरी तरह से यह इंडस्ट्री बंद है।

समारोहों में डीजे पर पाबंदी

समारोह आदि में डीजे पर पाबंदी लगने से पहले से ही बिजनेस पर असर पड़ रहा था। लेकिन लॉकडाउन हो जाने के बाद से इस बिजनेस को काफी नुकसान हुआ है। वहीं, अनलॉक के बाद मैरेज आदि समारोह में भाग लेने वालों की संख्या पर पाबंदी है। इधर कोरोना की चाल काफी हद तक सुस्त पड़ी है फिर भी लोग सावधानी बरतते हुए घरेलू फंक्शन साधारण ढंग से ही कर रहे हैं।

लोन के लिए कर रहे भागदौड़

डीजे संचालक विनोद कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में बिजनेस पूरी तरह से बंद हो गया। दशहरा में कुछ आस जगी थी वह भी खत्म हो गई। अब नवंबर और दिसंबर में जो लग्न है उससे थोड़ी उम्मीद है। ऐसे में दुकान और वर्कर के परिवार को रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। इसलिए अब हम लोग बैंक से लोन मिलने की उम्मीद है। इसके लिए कई दिनों से बैंक की दौड़ भाग की जा रही है।

जगी उम्मीद

कोरोना का ग्राफ कम होने के साथ ह7ी अनलॉक-5 में राहत मिली है। डीजे, आर्केस्ट्रा मालिकों को कुछ उम्मीद जगी है। दशहरा और फिर नवंबर-दिसंबर में लग्न होने के साथ उत्साहित है। उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर लोगों के सामने अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा। इसे लेकर उन्होंने तैयारी भी तेज कर दी है।

कोट

डीजे और आर्केस्ट्रा संचालक लगातर टैक्स देते हैं लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। लॉकडाउन में बिजनेस पर काफी असर पड़ा है। खर्च चलाने के लिए बैंक से लोन लेना पड़ रहा है। आने वाले लग्न से काफी उम्मीद है।

विनोद कुमार डीजे

सात माह के लग्न में चार से पांच लाख रुपए की कमाई होती है। जो पहले कमाया था, वह लॉकडाउन की बंदी में खर्च हो गया। बिजनेस का भी बुरा हाल है। अनलॉक में बिजनेस चलने की उम्मीद दिख रही है।

अन्नू, डीजे

मार्च के बाद से ही डीजे और आर्केस्ट्रा का बिजनेस ठप हो गया। खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया। ऐसे में वर्कर भी काम छोड़ कर चले गए। नवंबर और दिसंबर में सिर्फ सात लग्न है। इसके में भी बुकिंग काफी कम हुई हैं। लोग इंट्रेस्ट भी नहीं ले रहे हैं।

संदीप कुमार

लॉकडाउन के पहले जो बुकिंग हुई थी। वह कैंसिल हो गई। जिन लोगों ने बुकिंग का पैसा लिया वह रिटर्न करना पड़ा। वर्तमान में केवल 21 ही बुकिंग हो पाई हैं। अनलॉक के बाद भी हालत खराब है। यहीं सोचा जा रहा है कि सात माह की बैठकी में खर्च कैसे चलेगा।

राजू