- जिक्रे शोहदा-ए-कर्बला की महफिलों का दौर चौथीं मुहर्रम को भी जारी

GORAKHPUR: जिक्रे शोहदा-ए-कर्बला की महफिलों का दौर चौथीं मुहर्रम को भी जारी रहा। शोहदा का जिक्र सुन सबकी आंखें नम रही। शहर की एक दर्जन से ज्यादा मस्जिदों व घरों में कर्बला की दास्तान सुनी और सुनाई जा रही है। चौथी मुर्हरम को रहमतनगर, खोखरटोला, गाजी रौजा, जाफरा बाजार कसाई टोला, घासीकटरा, मोहनलालपुर, इलाहीबाग आदि मोहल्लों से जुलूस निकाला गया। दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल में मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि कर्बला में इमाम हुसैन शहीद तो हो गए, लेकिन दुनिया को सब्रो-इंसानियत का पैगाम दे गए और यह बता गए की दीन-ए-इस्लाम सब्र व शहादत से फैला। इसके लिए कुर्बानियां दी गईं।

कई मस्जिदों में हुई महफिल

दरगाह मिस्कीन शाह अंधियारी बाग में मौलाना मो। कैसर रजा अमजदी, मक्का मस्जिद मेवातीपुर इमामबाड़ा के निकट मौलाना मो। अहमद, मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर, गाजी मस्जिद गाजी रौजा, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर, एक मीनारा मस्जिद बेनीगंज, बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर, दारुल उलूम अहले सुन्नत मजहरुल उलूम घोसीपुरवा, गौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर, मस्जिद सुप्पन खां (कुरैशिया) खूनीपुर, मियां बाजार इमामबाड़ा मर्सिया खाना, इमामबाड़ा पुराना गोरखपुर, कलशे वाली मस्जिद के पास में भी जिक्रे शोहदा-ए-कर्बला की महफिल हुई।

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मदरसा गौसिया में हुआ पौधारोपण

मदरसा गौसिया मानबेला खास में शहीद-ए-कर्बला की याद में पौधारोपण किया गया। करीब 16 पौधे नीम व आम के लगाए गए। मदरसे के प्रबंधक हाफिज हदीस ने छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरुक करते हुए कहा कि स्वस्थ पर्यावरण के लिए पेड़- पौधे बहुत जरूरी हैं। हर इंसान को हर साल एक पेड़ जरुर लगाना चाहिए। पेड़-पौधा लगाना बहुत नेकी का काम है। पौधारोपण में हाफिज हदीस, मौलाना नूरुल्लाह, हाफिज मुजाहिद, इरशाद, तौसीफ, आफताब, अफरीदा, जानकी, यासमीन, फरजाना, असमीन व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।