- शिक्षामित्रों के आंदोलन के बीच हंगामे के अंदेशे से प्रशासन ने पं। गोविंद वल्लभ पंत पार्क में बंद किया है ताला

- तीन दिन से हो रही मॉर्निग वाल्कर्स को परेशानी, बच्चे भी लौट रहे मायूस

GORAKHPUR: पापा पार्क चलो ना। बेटा कैसे चलें पार्क में ताला बंद है। ये बातचीत है एचपी चिल्ड्रेन एकेडमी में तीसरी क्साल में पढ़ने वाली दीवा और उसके पापा की। दीवा अपने पापा और छोटे भाई देव के साथ दो दिन से पं। गोविंद वल्लभ पंत पार्क आ रही है। लेकिन मेन गेट पर ताला बंद होने के कारण मायूस होकर वापस लौट जाती है। सिर्फ दीवा ही नहीं, यहां आने वाले मॉर्निग वॉल्कर्स, सीनियर सिटीजंस से लेकर सभी बच्चे पिछले तीन दिन से परेशान हैं। वजह है शिक्षामित्रों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन की तरफ से इस पार्क को बंद कर दिया जाना। यहां की खुली हवा में खुशी महसूस करने वाले ये लोग परेशान हैं कि जाने कब उनकी इस फेवरिट जगह पर उन्हें दोबारा जाने का मौका मिल सकेगा।

आंदोलन के हंगामे ने करा दिया बंद

बता दें, शिक्षामित्रों ने पं। गोविंद वल्लभ पंत पार्क में 27 जुलाई को बुद्धि शुद्धि यज्ञ के साथ बैठक का आयोजन किया। बैठक में गोरखपुर मंडल के सैकड़ों शिक्षामित्र लामबंद होकर रणनीति बना रहे थे। इसी बीच पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए पार्क में ताला बंद कर दिया। ताला तोड़कर शिक्षामित्र गोरखनाथ मंदिर के लिए निकल गए। शिक्षामित्रों के ताला तोड़ने के बाद फिर से पार्क में प्रशासन और पुलिस ने ताला जड़ दिया है। पुलिस की मानें तो ताला इसलिए बंद किया गया है ताकि अराजक तत्व पार्क में शरण ना ले सकें।

टहलने का स्पॉट चला गया

पं। गोविंद वल्लभ पंत पार्क में डेली टहलने आने वाले सीनियर सिटीजन डॉ। सचितानंद की मॉर्निग वाल्क तीन दिन से छूटी हुई है। वजह है कि पार्क में ताला लटका हुआ है। अपनी पत्नी के साथ पार्क पहुंचे डॉ। सचितानंद ने बताया कि वे टहलने के लिए डेली यहां आते हैं। शहर के बीचो-बीच होने से इस पार्क में आना आसान है। लेकिन पार्क बंद होने से उनकी मॉर्निग वाल्क नहीं हो पा रही है।

अंकल, कब खुलेगा पार्क

वहीं, पार्क में खेलने के लिए आने वाले बच्चों से लेकर घूमने आने वाले स्टूडेंट्स भी पार्क बंद होने से काफी परेशान हैं। अपने पापा और भाई के साथ डेली यहां आने वाली नन्हीं दीवा रोज पार्क बंद मिलने पर मायूस लौट जा रही है। शनिवार को भी पार्क में झूला झूलने पहुंची गुडि़या को मायूसी ही हाथ लगी। आसपास दिखने वाले लोगों से पूछने लगी कि अंकल पार्क कब खुलेगा। वहीं यहां जॉगिंग पर आने वाले स्टूडेंट्स भी पार्क में ना जा पाने के चलते काफी परेशान हैं। स्टूडेंट नीलेश ने बताया कि पार्क बंद होने से तीन दिन से जॉगिंग नहीं हो पा रही है। उनके जैसे सैकड़ों लोग हैं जो जल्द से जल्द पार्क खुलने की उम्मीद कर रहे हैं।

कोट्स

पार्क में टहलने के लिए आया था लेकिन ताला बंद होने के कारण पार्क में जा नहीं सकते है। पता नहीं पार्क कब खुलेगा।

नीलेश पांडेय, स्टूडेंट

जब से शिक्षामित्रों ने आंदोलन किया है तब से यह पार्क बंद है। उन्हें आंदोलन करना ही है तो कहीं और करें, लेकिन पार्क में कम से आने जाने वालों का ख्याल तो रखें। वैसे भी प्रशासन को अब ताला खोल देना चाहिए।

- आशुतोष, बिजनेसमैन

टहलने के लिए पार्क आया था, लेकिन ताला बंद है। ये पार्क शहर के बीचों-बीच है इसलिए यहां टहलना आसान होता है। अब जब तक ताला खुल नहीं जाता, तब तक यह दिक्कत रहेगी।

डॉ। सचितानंद, प्रोफेशनल

स्वास्थ्य खराब रहता है। डॉक्टर ने सुबह-शाम टहलने के लिए कहा है। लेकिन शिक्षा मित्रों ने जब से हंगामा किया उसके बाद से पार्क ही बंद हो गया जिस कारण दिक्कत हो रही है।

- अनिता, हाउसवाइफ

दो दिन हो गए पार्क में ताला लगा हुआ है। लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए ताला बंद करना जरूरी है, लेकिन अब तो ताला खोल देना चाहिए।

- रंजीत पासवान, स्टूडेंट

प्रशासन को पार्क में आने वालों का ख्याल रखना होगा। अब जो कोई पार्क में बैठक करता है तो उसके लिए परमिशन लेनी चाहिए।

- सतीश चंद्र, स्टूडेंट