गोरखपुर (ब्यूरो)। झुलसने से तीनों की मौत हो गई। पिछले दिनों हुई यह घटनाएं मामूली बातों पर हुई हैं, लेकिन इसने जिंदगियां ही खत्म कर दीं। जो विवाद बातचीत से निपटाए जा सकते थे, उन मामलों में जरा सी अनदेखी और टशन में मासूम जिंदगी की बलि चढ़ जा रही है। एक्सपट्र्स का कहना है कि अगर वक्त पर गुस्से पर काबू कर लिया जाए, तो इन घटनाओं को रोकने के साथ परिवार खत्म होने से बचाया जा सकता है।

बेटे संग कमरे में कैद होकर खा लिया जहर

गुलरिहा बाजार निवासी विद्याधर गुप्ता की 25 वर्षीय पत्नी प्रियंका गुप्ता ने शुक्रवार की शाम 10 माह के बेटे लड्डू संग सुसाइड कर लिया था। विद्याधर परदेस में रहकर काम

करता है। कहासुनी के बाद वह बच्चे संग कमरे में गई। मां और बेटे की हालत बिगडऩे पर घरवालों को जानकारी हुई। दोनों को लेकर परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे। डॉक्टरों ने मां-बेटे

को मृत घोषित कर दिया। इस प्रकरण में पति सहित छह लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराली दो लाख रुपए की मांग कर

रहे थे। एसएचओ ने बताया कि युवती की मां ने दहेज उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। इस आधार पर केस दर्ज करके पति को अरेस्ट कर लिया गया है।

धैर्य खोने से बिगड़ रही बात

हाल के दिनों में जिले के भीतर ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। पति-पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच कहासुनी या किसी अन्य वजह से लोग बच्चों के साथ जान देने से जरा भी

नहीं हिचक नहीं रहे हैं। मां-बाप और घरवालों के बीच किसी तरह के विवाद में बच्चे बलि हो रहे हैं। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि अधिकांश मामलों में सामने आया है कि

लोगों के भीतर से सहनशीलता खत्म हो रही है। अचानक किसी बात को लेकर धैर्य खोने से ऐसे हालत बन रहे हैं। बड़ों के टशन में बच्चों की बेवजह जान जाने लगी है।

इन वजहों से सामने आ रही प्राब्लम

- पति, पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच सामंजस्य का अभाव नजर आ रहा है।

- बच्चों संग सुसाइड करने वाले व्यक्ति मामूली बातों लेकर नाराज होने पर आत्मघाती कदम उठा रहे।

- अचानक किसी बात पर गुस्से पर काबू न रख पाने और भीतर पल रहे आक्रोश से ये स्थिति बन रही है।

- बच्चों की परवरिश न होने की चिंता, आपस में तालमेल का अभाव के अभाव से ऐसे हालात बन रहे हैं।

- अकेलापन, एकाकी परिवार और अनावश्यक अपेक्षाओं की वजह से इस तरह की परिस्थितियां सामने आ रही हैं।

इन घटनाओं में बच्चों को भी गंवानी पड़ी जान

07 जनवरी 2022: गुलरिहा एरिया में मामूली बात से नाराज होकर शादीशुदा युवती ने 10 माह के बच्चे संग जहर खाकर सुसाइड कर लिया।

15 दिसंबर 2021: गुलरिहा एरिया में पिता और बेटे के बीच विवाद होने पर एक ही दोनों ने अलग-अलग समय पर फांसी लगाकर जान दे दी।

01 दिसंबर 2021: गीडा एरिया में सरया में 36 साल के युवक ने एक बेटी और बेटे संग कमरे में खुद को कैद करके आग लिया। झुलसने से तीनों की मौत हो गई।

22 अक्टूबर 2021: खोराबार एरिया के रघुनाथपुर में पति से नाराज महिला ने डेढ़ साल के बेटे और बेटी संग खुद को आग के हवाले करके जान दे दी।

24 मई 2021: पीपीगंज एरिया के गंगटा के पास महिला अपने दो बेटियों संग नदी में कूद गई। मोबाइल का सिमकार्ड ठीक कराने की बात पर उसका पति से विवाद हुआ था।

05 मई 2020: पिपराइच एरिया के उनौला में महिला ने बच्चों संग ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। पति से अनबन होने पर उसने यह खौफनाक कदम उठाया।

परिवारों में तालमेल का अभाव होता जा रहा है। परिवार में सास-बहू, ननद, पति और अन्य लोगों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर कहासुनी होने, अनुशासन का अभाव, सामाजिक

तानाबाना टूटने, तात्कालिक कारणों से गुस्से को काबू न कर पाने की वजहों से ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं।

डॉ। धनंजय कुमार, प्रोफेसर, साइकोलॉजी डिपार्टमेंट, डीडीयूजीयू

तहरीर के आधार पर केस दर्ज करके महिला के पति को अरेस्ट कर लिया गया है। अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

- अमित दूबे, एसएचओ, कैंट