गोरखपुर (ब्यूरो)। तकरीबन 500 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे गोरखपुर-सोनौली फोरलेन पर पीपीगंज-कैंपियरगंज के बीच से शुरू होगा और संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर समेत 20 से

अधिक जिलों से होते हुए शामली तक जाएगा। हालांकि, शामली इंड प्वाइंट होगा या इसे आगे पीछे किया जाएगा। इस पर सबकुछ ड्राइंग-डिजाइन बनने के बाद स्पष्ट होगा।

आफिशियल सोर्सेस की मानें तो अभी ड्राइंग डिजाइन फाइनल नहीं है। 4-5 अलग-अलग रास्ते हैं। इसलिए एक्सप्रेस-वे वहां से निकाला जाएगा, जहां ट्रैफिक अधिक मिले और डिस्टेंस

कम से कम हो।

पंजाब-नार्थ-ईस्ट कॉरिडोर का होगा पार्ट

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचआई) ने डीपीआर के लिए नागपुर की कंपनी केएनजे को कंसलटेंट नियुक्त किया है। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे पंजाब-नार्थ-ईस्ट कॉरिडोर

का हिस्सा होगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो अंबाला से शामली तक करीब 110 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो गया है, जो 2024 में पूरा हो जाएगा।

नए सिरे से होगा भूमि अधिग्रहण

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे यहां से शुरू होने वाला थर्ड एक्सप्रेस-वे होगा। यह पूरी तरह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे होगा, यानी इसके लिए नये सिरे से जमीन अधिग्रहण होगा। अभी

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोडऩे वाले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण चल रहा है। करीब 40 परसेंट काम पूरा हो गया है। वहीं, गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 519 किलोमीटर लंबे

एक्सप्रेस-वे की डीपीआर का काम तेजी से चल रहा है। 20 हजार करोड़ रुपए एक्सप्रेस-वे में खर्च होंगे। जबकि भूमि अधिग्रहण पर इससे अलग राशि खर्च होगी।

फैक्ट फीगर

- पीपीगंज, कैंपियरगंज, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर समेत 20 से अधिक जिलों से होते हुए शामली तक जाएगा।

- 300 किमी कम हो जाएगी गोरखपुर से अंबाला की दूरी, अभी दूरी एक हजार किमी।

- गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे पंजाब, नार्थ-ईस्ट कॉरिडोर का हिस्सा है।

वर्जन

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे की डीपीआर नागपुर की कंपनी केएनजे तैयार कर रही है। डीपीआर बनने के बाद लागत और रूट की स्पष्ट जानकारी सामने आएगी।

सीएम द्विवेदी, परियोजना निदेशक एनएचएआई गोरखपुर