- सैटेलाइट से अटैच हुआ नेशनल रेल इनक्वॉयरी सिस्टम

- हर 30 सेकेंड में अपटेड हो रही है ट्रेन की लोकेशन और स्पीड

- 2017 में रेलवे ने इसरो से किया था करार

<- सैटेलाइट से अटैच हुआ नेशनल रेल इनक्वॉयरी सिस्टम

- हर फ्0 सेकेंड में अपटेड हो रही है ट्रेन की लोकेशन और स्पीड

- ख्0क्7 में रेलवे ने इसरो से किया था करार

GORAKHPUR: GORAKHPUR: पैसेंजर्स को अब न तो ट्रेन छूटने का डर सताएगा और न ही वेबसाइट उन्हें धोखा दे पाएगी। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के जरिए ट्रेन की रियल टाइम रनिंग लोकेशन पैसेंजर्स के मोबाइल में फिंगर टिप पर अवेलबल होगी। नया साल मुसाफिरों के लिए नई सौगात लेकर आया है। इसके तहत एनईआर जोन की कुछ ट्रेंस में यह फैसिलिटी शुरू कर दी गई है, जबकि जल्द ही सभी ट्रेंस के इंजन रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम (आरआईटीएस) से लैस होंगे और डायरेक्टर सेटेलाइट से कनेक्ट होंगे। इससे पैसेंजर्स को रनिंग ट्रेन की रियल लोकेशन पता चल सकेगी। इसके लिए न तो किसी को अपडेट करने की कोई जरूरत पड़ेगी और न ही किसी को इसकी मॉनीटरिंग ही करनी पड़ेगी। इस व्यवस्था से गलत इंफॉर्मेशन की टेंशन भी खत्म हो जाएगी।

हर स्पॉट पर ऑटोमेटिक अपडेट

इसरो के सैटेलाइट की मदद से सिस्टम को अपडेट किया गया है। इसमें ट्रेन की जो भी लोकेशन हैं, वह जिस स्पॉट पर है, वह जीपीएस रिसीवर के जरिए कंट्रोल चार्ट पर ऑटोमेटिक अपडेट हो जा रहा है। इससे ट्रेन की आवाजाही के साथ ही इसकी स्पीड भी ट्रैक की जा रही है। 8 जनवरी से इस नई व्यवस्था के तहत चार नए रूट्स पर ट्रायल हुआ था, जिसके जरिए ट्रेन की रियल टाइम लोकेशन ट्रेस की जा रही थी। अब इसे दूसरे लोकोमोटिव्स में भी इंस्टॉल किए जाने की प्रॉसेस शुरू हो गई है।

रिसीवर से लिंकअप

सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) और इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के बीच दिसंबर ख्0क्7 में एमओयू हुआ था। इसके तहत रियल टाइम ट्रेन इंफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीआईएस) को अपडेट करने का जिम्मा दिया गया। इसमें इसरो ने जी-सैट सीरीज के सैटेलाइट की हेल्प से एक डिवाइस डेवलप किया और इसे रिसीवर गगन से लिंकअप किया गया। इसका ट्रायल रन जुलाई-सितंबर ख्0क्7 के बीच दिल्ली-गुवाहटी और दिल्ली-मुंबई राजधानी रूट पर किया गया। इसे मेजर ट्रेन को ट्रैक करने के लिए लाइव कर दिया गया है। अब इस पर ट्रायल रन शुरू कर दिया गया है। फ‌र्स्ट फेज में ख्700 लोकोमोटिव में यह डिवाइस इंस्टॉल किया गया है, जल्द ही देश की सभी ट्रेंस के लोकोमोटिव में इसे इंस्टॉल कर दिया जाएगा।

अभी खुद ही करते हैं अपडेट

पैसेंजर्स को ट्रेन की रियल टाइम लोकेशन बताने के लिए अब तक मैनुअल फीडिंग की व्यवस्था है। इसके तहत जब ट्रेन किसी स्टेशन पर पहुंचती है या रन थ्रू निकलती है, तो वहां मौजूद स्टाफ इसे मैनुअली अपडेट करता है। किसी स्टेशन के बीच में ट्रेन को पास न मिल पाने की कंडीशन में अगर वह कहीं बीच में रुक जाती है, तो पिछले स्टेशन पर इसकी लोकेशन अपडेट हो जाती है, लेकिन नेक्स्ट स्टेशन पर न पहुंचने की वजह से इसे अपडेट नहीं कर पाते और लोगों की टेंशन बढ़ जाती है। वहीं कई बार ऐसा होता है कि ट्रेन जब लेट हो जाती है और एक ही समय में कई ट्रेन की लोकेशन अपडेट करने के चक्कर में देर हो जाती है, तो इस कंडीशन में पैसेंजर्स को रियल टाइम लोकेशन नहीं मिल पाती और कई बार उनकी ट्रेन भी छूट जाती है। मगर नई व्यवस्था से लोगों को रियल टाइम लोकेशन मिलेगी और उनका डर खत्म हो जाएगा।

इन ट्रेंस में हुआ ट्रायल

वैष्णोदेवी कटारा-बांद्रा

नई दिल्ली-पटना

नई दिल्ली-अमृतसर

नई दिल्ली-जम्मू

यह होगा फायदा

- ट्रेन लोकेशन की ऑटोमेटिक कैपचरिंग

- सेंट्रल लोकेशन सर्वर पर मौजूद कंट्रोल चार्ट पर ऑटोमेटिक अपडेट

- ट्रेन कंट्रोलर के लिए स्ट्रेस फ्री वर्किग

- संसाधनों का सही इस्तेमाल

- पैसेंजर्स को ट्रेन की एग्जैक्ट लोकेशन

- मैनेजमेंट के लिए रीच एमआईएस

डायरेक्टर एनटीईएस से कनेक्ट

सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) के जरिए अब रिट्स को नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम से लिंकअप कर दिया गया है। इसके तहत अब इसरो के जरिए इस सिस्टम को हर फ्0 सेकेंड में रियल टाइम डाटा मिलता रहेगा। जिसमें ट्रेन की एक्जैक्ट लोकेशन और उसकी स्पीड के बारे में जिम्मेदारों को इंफॉर्मेशन मिलती रहेगी। इस सर्वर को रेलवे की बाकी वेबसाइट से भी लिंक किया है, जिससे कि हर फ्0 सेकेंड पर रियल टाइम अपडेट रेलवे के सभी इंफॉर्मेशन सिस्टम और हेल्पलाइन नंबर्स तक पहुंच जाएगी और पैसेंजर्स जब ट्रेन की लोकेशन के लिए वेबसाइट चेक करेंगे या टॉल फ्री नंबर पर कॉन्टैक्ट करेंगे, तो उन्हें ट्रेन की रियल इंफॉर्मेशन मिल सकेगी।

इलेक्ट्रिक लोको में आरटीआईएस इंस्टॉल किया जाता है। विभिन्न रेलवे के लोको में इसको इंस्टॉल कर दिया गया है। आने वाले दिनों में एनई रेलवे की ट्रेंस में भी यह सिस्टम लगाया जाएगा।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे