- हेल्पलाइन पर जारी है सवालों का दौर, उलेमा दे रहे हैं जवाब

- तंजीम उलेमा अहले सुन्नत की ओर से जारी की गई है हेल्पलाइन

GORAKHPUR: तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्प लाइन नंबर पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी है। बुधवार को रोजेदारों ने तमाम तरह के सवाल कर जवाब हासिल किए। इसमें ज्यादातर सवाल रोजे के मसलों से जुड़े हुए ही पूछे जा रहे हैं, लेकिन कुछ लोग रमजान के अलावा भी उलेमाओं से सवाल कर रहे हैं।

सवाल: क्या रोजे की हालत में हर लकड़ी से मिस्वाक कर सकते हैं? (अयूब, ओखला नई दिल्ली)

जवाब: रोजे की हालत में अनार और बांस की लकड़ी के अलावा हर कड़वी लकड़ी से ही मिस्वाक बेहतर है। (मुफ्ती मो। अजहर शम्सी)

सवाल: रोजे की हालत में गुस्ल करने में अगर कान में पानी चला जाए तो क्या रोजा टूट जाता है? (अली, मुजफ्फरपुर, बिहार)

जवाब: रोजे की हालत में अगर गुस्ल करते हुए कान में खुद बा खुद पानी चला गया तो रोजे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, इसलिए कि यह अख्तियार से बाहर है। (मुफ्ती अख्तर हुसैन)

सवाल: नापाकी की हालत में रोजा रखना कैसा है? (जैनुल आबेदीन, लखनऊ)

जवाब: हालते जनाबत में रोजा दुरुस्त है। इससे रोजे में कोई नक्श व खलल नहीं आएगा। अलबत्ता वह शख्स नमाजें जानबूझकर छोड़ने के सबब असद गुनाहे कबीरा का मुरतकिब होगा। (मुफ्ती मो। अजहर शम्सी)

सवाल: क्या दांत और मसूड़े से खून निकले तो रोजा टूट जाएगा? (अशफाक अहमद, मोहनलालपुर)

जवाब: दांतों या मसूड़ों से खून निकलकर हलक में चला जाए तो उससे रोजा टूट जाएगा और कजा लाजिम होगी। (मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी)

सवाल: रोजे की हालत में सिगरेट और हुक्का पीने से क्या रोजा टूट जाता है? (जमशेद, सिधारीपुर)

जवाब: रोजे की हालत में सिगरेट या हुक्का पीने से भी रोजा टूट जाता है और अगर ये काम जानबूझ कर किया है तो कजा और कफ्फारा दोनों लाजिम होगी। वरना सिर्फ कजा लाजिम होगी। (मौलाना मोहम्मद अहमद)

सवाल: रोजे की हालत में नक्सीर फूट गई और खून हलक में चला गया तो क्या रोजा टूट गया? (आफताब, गोरखनाथ)

जवाब: अगर किसी की नक्सीर फूट गई और खून हलक में चला गया तो रोजा टूट जाएग और खून हलक में नहीं गया तो रोजा नहीं टूटेगा। (मौलाना मो। असलम रजवी)

सवाल: नमाज के अंदर सफ में गैप करके खड़े होना कैसा है? (मोहम्मद आजम, खोखरटोला)

जवाब: सफ में खाली जगह छोड़कर खड़े होना मकरुहे तहरीमी है। पैगंबर-ए-आजम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने सख्ती के साथ मना फरमाया है। (मुफ्ती मो। अजहर शम्सी)

सवाल: रोजे की हालत में भाप (स्टीम) लेना कैसा है? (मुजम्मिल हुसैन, जाफ़रा बाजार)

जवाब: भाप (स्टीम) लेने की वजह से पानी वाष्प में तब्दील होकर नाक के रास्ते चूंकि पेट के अंदर चला जाता है इस वजह से रोजे की हालत में भाप लेने की इजाजत नहीं है और उससे रोजा फासिद हो जाता है। (मुफ्ती खर्शीद अहमद मिस्बाही)