-प्रोत्साहन राशि से लुभाने के बाद भी नहीं रूके ड्राइवर-कंडक्टर

-त्योहार पर पैसेंजर्स की भीड़ बढ़ने के साथ हो रही दिक्कत

-रोडवेज प्रशासन 600 बसों का कर रहा संचालन फिर भी परेशानी

GORAKHPUR: रोडवेज ड्राइवर और कंडक्टर त्योहार के दिन ड्यूटी पर नहीं आए। इसका खामियाजा पैसेंजर्स को उठाना पड़ा। शनिवार को गंतव्य तक जाने के लिए पैसेंजर्स बस का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें बस नहीं मिल सकी। आखिर में उन्हें प्राइवेट बसों की ओर रुख करना पड़ा। जबकि रोडवेज पैसेंजर्स की संख्या को देखते हुए 200 अतिरिक्त बसों को सड़क पर उतारा है। फिर भी पैसेंजर्स को परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है।

नहीं मिली पर्याप्त बसें

गोरखपुर डिपो के बेड़े में 72 बसें हैं तो राप्तीनगर डिपों के बेड़े में 74 बसें। इसके अलावा 57 एसी बसों का भी संचालन किया जा रहा है। दीपावली त्योहार की भीड़ को देखते हुए रोडवेज प्रशासन ने 200 अतिरिक्त बसों को संचालन शुरू करने का दावा किया था, लेकिन हकीकत में वह सड़कों पर नहीं आ सकी। कई रूटों पर पर्याप्त बसें न होने से पैसेंजर्स को खासी परेशानी उठानी पड़ी। गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन से लखनऊ, कानपुर और दिल्ली को जाने वाली रूटों पर बसों सवारियों का रेला लगा हुआ। राप्तीनगर कचहरी बस स्टेशन से संचालित होने वाले रूट आजमगढ़, वाराणसी, प्रयागराज पर भी पैसेंजर्स की संख्या बढ़ गई हैं। लेकिन इस बीच ड्राइवर और कंडक्टर के अचानक गायब होने की वजह से कई जगहों पर बसों का संचालन ठप हो गया है। जिसकी वजह से पैसेंजर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

त्योहार पर रोडवेज बस स्टेशन से लोकल रूट पर बस कम मिल रही है। इसकी वजह से हम सभी पैसेंजर्स की दिक्कत हो रही है।

रवि यादव

बस को लेकर कई बार स्टेशन अधीक्षक से मिला गया, लेकिन उनका कहना है कि अभी बसें बाहर की रूटों पर फंसी है। कुछ देर में मिल जाएंगी। घंटों इंतजार करना पड़ा फिर भी बस नहीं मिली।

नित्यानंद

अक्सर त्योहारों में ही लोग वेबस हो जाते हैं। रोडवेज प्रशासन दावा करती रहती है, लेकिन हकीकत में यह हमेशा ही व्यवस्था कराने में नाकाम साबित होते हैं।

संजय मझवार

मुझे आजमगढ़ जाना है। घंटों से बस का इंतजार किया। जब बस नहीं मिली तो प्राइवेट बस का सहारा लेना पड़ा। इससे काफी दिक्कत हुई।

टींकू गुप्ता