गोरखपुर (ब्यूरो)।हालात ऐसे हो गए हैं कि मरीज इमरजेंसी में आते-आते बेहोश हो जा रहे हैं। डॉक्टर डिहाईड्रेशन को इसकी वजह बता रहे हैं। सोमवार को सात बजे तक दो मरीज अस्पताल में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके थे। डॉक्टरों के मुताबिक, यह ब्रॉड डेड (मृत अवस्था में आना) थे। दोनों के परिजन शव लेकर चले गए। आशंका जताई जा रही है कि इनकी मौत धूप लगने से हुई है। लेकिन, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट न होने की वजह से सही कारणों की जानकारी नहीं हो सकी है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में सात बजे तक 74 मरीज भर्ती हो चुके थे। इनमें 38 मरीज ऐसे थे, जिनको तेज बुखार, उल्टी, दस्त और कमजोरी की शिकायत थी।

उल्टी के साथ पेट दर्द की शिकायत

पादरी बाजार से इलाज के लिए 2:40 बजे जिला अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंची सुनीता को गर्मी ने परेशान कर रखा था। उन्हें उल्टी के साथ तेज पेट दर्द की शिकायत थी। उनके साथ उनकी छोटी बहन कौशिल्या उन्हें पंखे से हवा दे रही थी। इसके बाद भी उन्हें गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी। इन सबके बीच जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तीन से चार मरीज एंबुलेंस से आ गए। इनमें खजनी से रामकिशोर को तेज बुखार की शिकायत थी। बताया कि पैरासिटामॉल खाया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। शरीर में दर्द ऐसा हैं कि जैसे जान चली जाएगी। जिला अस्तपाल के इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ। शहनवाज ने बताया कि इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। इनमें 20 से 25 परसेंट मरीजों को उल्टी, दस्त के साथ तेज बुखार की शिकायत हैं। इन मरीजों को 24 से 48 घंटे भर्ती करना पड़ रहा है। बताया कि गर्मी की वजह से सबसे अधिक दिक्कत लो बीपी की है। यही वजह है कि लोगों को सलाह दी जा रही है कि अधिक से अधिक पानी पीएं।

कुर्सी पर आया चक्कर हो गई मौत

बेलीपार थाना एरिया के पियर निवासी संतोष जायसवाल एक दुकान पर बैठे थे। दुकान पर बैठने के दौरान अचानक चक्कर आया और और कुर्सी से गिर गए। इस दौरान आसपास के लोग निजी साधन से तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल 2:20 बजे पहुंचे थे। वहां पहुंचने पर जैसे ही उन्हें स्ट्रेचर पर लादा गया। डॉक्टर ने इमरजेंसी गेट के बाहर ही नब्ज टटोल कर मृत घोषित कर दिया। इसी तरह शहर के राजेंद्र नगर की रहने वाली एक 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला को डिहाईड्रेशन की दिक्कत हुई। परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए थे, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

तेज बुखार में नहीं हो रहा पैरासिटामॉल का असर

इस वक्त जिसे तेज बुखार आ रहा है, उसे पैरासिटामॉल का भी असर नहीं हो रहा है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में आने वाले 50 परसेंट मरीजों ने यह समस्या बताई। डॉक्टरों ने बताया कि गर्मी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जा रही है। इसकी वजह से लोगों को दिक्कतें ज्यादा है। यही वजह है कि ऐसे मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है।

गर्मी में मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें लगाई गई हैं ताकि उनका उचित इलाज हो सके। हमारे पास दवाओं की कमी नहीं है।

- डॉ। राजेंद्र ठाकुर, एसआईसी जिला अस्पताल