-इन्द्रप्रस्थ कालोनी की टूटी सड़के दे रही दर्द

-20 साल से नहीं हुई सड़क की मरम्मत

-बार-बार कम्प्लेन लेकिन कोई सुनवाई नहीं

GORAKHPUR: गोरखपुर शहर का हर कोना इस समय सज संवर रहा है। सीएम सिटी है तो दिखनी भी चाहिए इसलिए बजट भी सरकार दिल खोलकर गोरखपुर को दे रही है। सब कुछ होने के बाद जिम्मेदारों की लापरवाही से आज भी सिटी की पॉश कालोनियां कूड़ा घर से भी बदतर होती जा रही है। अब वार्ड नम्बर 6 में स्थित इन्द्रप्रस्थ कालोनी को ही देख लीजिए। इस कालोनी में घर तो एक से बढ़कर एक हैं लेकिन टूटी सड़के कालोनी की शोभा बिगाड़ने के लिए काफी है। आए दिन सड़कों पर बने बडे़-बडे़ गड्ढे में फंसकर लोग गिरकर चोटिल होते रहते हैं। इसके बाद भी करीब 15 वर्षो से इस सड़क की मरम्मत नहीं हुई।

कंप्लेन का भी नहीं होता असर

इन्द्रप्रस्थ कल्याण समिति के सचिव संजीव सामंत का कहना है कि कई साल से पार्षद से लेकर नगर निगम तक सड़क को बनवाने के लिए कंप्लेन दर्ज कराई गई। हर बार आश्वासन देकर वापस कर दिया जाता है। लेकिन टूटी सड़क का निर्माण तो दूर इसकी हालत को देखने तक अधिकारी नहीं आए। 15 साल में छोटे-छोटे गढ्डे भी अब बड़ा रूप ले चुके हैं। बरसात में तो ये पता ही नहीं चलता कि कहां गढ्डा है। इस वजह से एक बार कार फंस गई तो निकालने में घंटो लग जाते हैं।

नहीं हो सकता शादी ब्याह

कालोनी की वंदना बताती हैं कि बरसात में बच्चों को भी घर से निकलने नहीं दिया जाता है। कालोनी के गढ्डों में कई बच्चे घायल हो चुके हैं। कालोनी में इतनी जगह होने के बाद भी किसी के घर शादी पड़ जाए तो वो यहां नहीं रह सकता है। हम लोग शादी ब्याह या अन्य पार्टी के लिए बाहर किराए पर जगह लेनी पड़ती है। सब कुछ होते हुए भी पैसे की बर्बादी करनी पड़ रही है।

हजारों लोगों का एक ही रास्ता

इन्द्रप्रस्थ कालोनी में हाई फाई स्टैंडर्ड मकान हैं। हर घर में फोर व्हीलर और दो व्हीलर मौजूद हैं। इसके बाद भी यहां के लोग बहुत जरूरी होता है तभी कार या बाइक घर से निकालते हैं। ज्यादातर काम वे ऑटो से जाकर निपटा देते हैं। हजारों लोगों का एक ही रास्ता है लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार लापरवाही बरत रहे हैं।

पार्षद का कहना है

वार्ड नम्बर 6 के पार्षद संतराज शर्मा का कहना है कि कई बार इन्द्रप्रस्थ कालोनी का मैटर निगम में उठा चुका हूं। बकायदा इसके लिए लेटर भी अधिकारियों को दे चुका हूं। लेकिन नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि अभी फंड नहीं है। फंड जब आएगा तब देखा जाएगा। पार्षद ने कहा कि मैने कुछ मलबा कालोनी की सडकों पर गिरवाया है ताकि लोग आ जा सकें। उन्होंने ये भी कहा कि उनके वार्ड में इस समय कई ऐसी भी कालोनी हैं, जहां पर आज तक सड़क ही नहीं बन पाई है।

कोट-

कई साल से नगर निगम और पार्षद को टूटी सड़क बनवाने के लिए कम्प्लेन लेटर देता आ रहा हूं। लेकिन आज तक बनवाना तो दूर कालोनी का हाल कोई देखने तक नहीं आया।

संजीव सामंत, सचिव, इन्द्रप्रस्थ कल्याण समिति

सीएम सिटी में हम लोग भी रहते हैं। इस तरफ भी नगर निगम को ध्यान देना चाहिए। आखिर कब तक केवल निगम आश्वासन देता आएगा। फंड की दिक्कत केवल यहीं के लिए है।

वंदना सामंत,

घर में गाड़ी होते हुए भी ऑटो से कहीं भी कोई काम करने निकलती हूं। बच्चे भी बार-बार गाड़ी निकालने की जिद्द करते हैं तो उन्हें डांट डपट कर चुप करा दिया जाता है।

शिखा श्रीवास्तव,

कोई बाहर से आता है तो इतना बुरा लगता है उसे बार-बार बताना पड़ता है कि आप किधर से आइएगा। अगर कार से कोई मेहमान आ गया तो उसकी गाड़ी कालोनी के बाहर ही खड़ी करा दी जाती है।

जेके राय,

रिलेटिव भी आने से कतराते हैं। कई बार रिलेशन के लोग आए तो उनकी गाड़ी घंटो फंसी रह गई। हम लोग भी बच्चों को घर में कैद रखते हैं। डर लगता है कहीं साइकिल लेकर किसी बडे़ गढ्डे में ना गिर जाएं।

अर्चना सिंह,

इस कालोनी की दुर्दशा निगम से छिपी नहीं है। बार-बार कंप्लेन करने पर भी बात नहीं बनती है। अब तो सीएम से ही कंप्लेन दजर् करानी पडे़गी तभी यहां का नरक दूर होगा।

संजय सिंह,

वर्जन-

इस बात की जानकारी ठीक से नहीं है। जेई को भेजकर दिखवाता हूं। जो भी परेशानी होगी उसे दूर किया जाएगा।

सुरेश चन्द्र, चीफ इंजीनियर, नगर निगम