- सिंघडि़या और पादरी बाजार में प्रदर्शन, पब्लिक बोली- जलभराव से डिज़ीज का खतरा

GORAKHPUR: सिटी में बारिश थमने के बाद बरकरार वॉटर लॉगिंग पर पब्लिक का गुस्सा फूटने लगा है। रविवार को सिंघडि़या और पादरी बाजार शताब्दीपुरम में पब्लिक जलभराव के बीच सड़कों पर उतर आई और रोड जाम कर प्रदर्शन किया। उप नगर आयुक्त संजय शुक्ला ने कहा, जिन स्थानों से कंप्लेन आ रही हैं। वहां निगम अमला पहुंचकर निस्तारण करा रहा है। प्रभावित इलाकों में पंपिंग सेट लगाए गए हैं। अधिकांश इलाकों से पानी निकाला जा चुका है।

3 घंटे ठप रहा आवागमन

सिंघडि़या के पास पब्लिक ने गोरखपुर देवरिया रोड जाम करके घंटों प्रदर्शन किया। नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और जलनिगम के अफसरों की लापरवाही के खिलाफ करीब तीन घंटे तक आवागमन ठप रहा। पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के पहुंचने पर लोग माने। लोगों ने कहा, जब तक उनके मोहल्लों का पानी नहीं निकाला जाएगा। तब वह लोग रोड पर आवागमन नहीं होने देंगे। इस दौरान एम्बुलेंस से लेकर अन्य तरह के व्हीकल फंसे रहे। दोपहर करीब डेढ़ बजे सिटी मजिस्ट्रेट और नगर निगम के अधिकारियों के आश्वासन पर रास्ता चालू हो सका।

जलभराव के खिलाफ नारेबाजी

पादरी बाजार वार्ड 28 शताब्दीपुरम कॉलोनी के लोगों ने रविवार को नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर जलभराव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कॉलोनी में एक सप्ताह से सड़क व घर में जलभराव है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। मंगलवार व बुधवार की रात हुई बारिश से कॉलोनी के कई घरों में घुटनों तक पानी जमा हो गया। स्थानीय लोगों ने जलनिकासी को लेकर कई बार स्थानीय पार्षद व नगर निगम के अधिकारियों से कंप्लेन की। बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं हुआ। जिसके चलते लोगों में रोष व्याप्त हैं। हरिशंकर सिंह, दीपेंद्र कुमार बताया कि नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। जलभराव से संक्रामक रोग फैल सकते हैं।

लोगों ने सांसद को लिखा पत्र

पादरी बाजार एरिया के मोहनापुर नाई टोला में करीब 25 घरों में जलभराव के चलते घुटनों से अधिक पानी भरा है। लोगों का आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध है। समस्या से निजात के लिए लोगों ने सदर सांसद रवि किशन को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। नकहा मोहल्ला चमनगंज वार्ड नंबर 70 में रहने वाले नागरिकों का कहना है कि शिकायतों के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जलभराव की वजह से लोगों का चलना तक दूभर हो गया है। इलाके में नाली निर्माण और पानी की निकासी बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है।