-पब्लिक प्लेस पर पान-गुटखा थूकने को लेकर कड़े कानून के बावजूद नहीं सुधर रहे लोग

GORAKHPUR: प्राइवेट या गवर्नमेंट ऑफिसेज में पान-गुटखा खाकर थूकने से रोकने के लिए तमाम उपाय किए गए। लेकिन लोग हैं कि मानते ही नहीं हैं। पान-गुटखा खाना अपने शान की बात समझने वाले लोग अपनी 'रंगबाजी' से बाज नहीं आए। लिहाजा तमाम विभागों की दीवारें रंगी पड़ी है। इनको रोकने के लिए वॉल राइटिंग से लेकर पोस्टर तक लगाए गए। सिर्फ इतना ही नहीं इस पर कड़ा जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। लेकिन इसके बावजूद ऑफिसेज में जाने वाले लोग बेफिक्र हैं। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने बुधवार को रियलिटी चेक किया तो पता तो हालात कुछ यूं मिले।

हर विभाग का यही हाल

गोरखपुर यूनिवर्सिटी, प्रशासनिक भवन

डेली विजिटर्स: 1500-2000 लोग

यहां पर हर रोज बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स और लोग आते हैं। कोरोना के सख्त प्रावधानों के बावजूद यहां पर पान-गुटखा के निशान मिले हैं।

बीएस ऑफिस

डेली विजिटर्स: 400-500 लोग

बीएस ऑफिस बेतियाहाता के आगे हैं। इस ऑफिस में भी अपने काम से लोग हर रोज आते हैं। तमाम कड़ाई के बावजूद यहां भी लोग अपनी पीक कला दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

डीआईओएस ऑफिस

डेली विजिटर्स: 1000 लोग

कुछ ऐसा ही हाल डीआईओएस ऑफिस में भी देखने को मिला। मुंशी प्रेमचंद्र पार्क के बगल में स्थित इस ऑफिस में भी पान की पीकें खूब देखने को मिलती हैं।

कलेक्ट्रेट

डेली विजिटर्स: 5000 लोग

कलेक्ट्रेट में डीएम से लेकर जिले के तमाम आला अधिकारी बैठते हैं। लेकिन इसके बावजूद यहां पर आने वाले लोगों में किसी तरह का खौफ नहीं है। दीवारों को पान की पीक से रंग डाला गया है।

नगर निगम

डेली विजिटर्स: 1000 से अधिक

नगर निगम में भी बड़ी संख्या में पब्लिक पहुंचती है। यहां पर भी हालात चौंकाने वाले ही देखने को मिले। पान-गुटखा की पीक के रंग साफ-साफ दिखाई दे रहे थे।

यह है प्रावधान

-कोरोना काल के बाद पान-गुटखा खाने वालों को लेकर सख्त प्रावधान बनाए गए थे।

-इस दौरान तय किया गया था कि विभागों में लोग पान-गुटखा खाकर बैठेंगे नहीं।

-वहीं पब्लिक प्लेसेज पर थूकने को लेकर भी पाबंदी लगाई गई थी।