गोरखपुर (ब्यूरो)।बारिश के दिनों में धंस रहे फोरलेन की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। निर्माण कार्य पर अब तक 151 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, फिर भी काम अधूरा है।

गौरतलब है, पब्लिक को सुगम सफर कराने के लिए गोरखपुर-देवरिया मार्ग को फोरलेन बनाने का निर्णय सात साल पहले लिया गया था। साल 2016 में फोरलेन के निर्माण की स्वीकृति के साथ बजट भी जारी कर दिया गया था। छात्रशक्ति नामक फर्म को निर्माण का ठेका दिया गया था। फोरलेन का निर्माण तीन साल में पूरा होना था। थोड़े दिन काम करने के बाद फर्म ने काम बंद कर दिया। बाद में फिर काम को शुरू किया गया, लेकिन कार्य ने गति नहीं पकड़ी। बार-बार की चेतावनियों के बावजूद जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं पड़ा।

इंजीनियर कॉलेज के पास छह फिट धंसी सड़क

गोरखपुर-देवरिया फोरलेन बुधवार देर रात इंजीनियरिंग कॉलेज पुलिस चौकी के पास धंस गया। सड़क किनारे की मिट्टी बह जाने से यह स्थिति बनी। सूचना मिलते ही पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में अभियंता मौके पर पहुंचे और छह फिट चौड़े गड््ढे को मिट्टी डालकर पाटा गया।

7 साल में नहीं बन सके डिवाइडर

गुरुंग तिराहा से चौरीचौरा के आगे मझना नाला तक सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी का खंड तीन करा रहा है। सात साल बीतने के बाद भी अब तक मार्ग का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। कई जगह पर डिवाइडर नहीं बने हैं तो कई जगह सड़क ही नहीं बन सकी है। मझना नाला के पास अभी निर्माण नहीं पूरा हुआ है। निर्माण की गति इतनी धीमी है कि पब्लिक परेशान है। कई बार पीडब्ल्यूडी के अफसरों से शिकायत के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा।

सड़क धंसने की जानकारी मिली थी। सुरक्षा के उपाय कर दिए गए हैं। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर नजर है। फोरलेन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। सड़क धंसने के मामले में टीम गठित कर जांच कराई जा रही है।

अरविंद कुमार, एक्सईएन निर्माण खंड तीन पीडब्ल्यूडी