गोरखपुर (ब्यूरो)।यूनिवर्सिटी ने यह फैसला पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की विचारधारा से प्रभावित होकर लिया था। अब दो साल बाद इस योजना का कोई अता-पता नहीं है। यही नहीं पिछले सेशन में यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल स्टूडेंट्स से मेस का पैसा लेकर भी मेस नहीं चलाई। स्टूडेंट्स सोशल मीडिया के माध्यम से इस योजना को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।

कार्यपरिषद से मिली थी स्वीकृति

यूनिवर्सिटी की पांच रुपए में नाश्ता और दस रुपए में भोजन की इस योजना को कार्यपरिषद की स्वीकृति भी मिल गई थी। 26 सितंबर 2021 को वीसी प्रो। राजेश सिंह की अध्यक्षता में हुई कार्य परिषद की बैठक में इस पर मुहर लगी थी। उस समय बताया गया कि सस्ती दर पर भोजन व नाश्ते के लिए यूनिवर्सिटी और अदम्य चेतना फाउंडेशन के बीच पहले ही समझौता हो चुका है।

पैसा लेने के बाद भी मेस नहीं चला

हॉस्टल स्टूडेंट्स का कहना है कि सेशन 2022-23 में उनसे हॉस्टल और मेस के नाम पर 25 हजार रुपए फीस ली गई थी। इसके बाद भी पूरे साल मेस नहीं चली और उन्हें पैसा देने के बाद भी खुद से ही भोजन का प्रबंध करना पड़ा। उन्होंने इसके लिए कई बार वार्डन से भी शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। स्टूडेंट्स ने मेस की फीस वापस करने के लिए भी कहा, लेकिन उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला। अब नए सेशन में उन्हें एक बार फिर हॉस्टल के री-अलॉटमेंट के लिए बोला जा रहा है।

सोशल मीडिया पर सवाल

यूनिवर्सिटी की इस योजना को लेकर स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

Ravijendra Rai

@RaiRavijendra

महोदय बताने का कष्ट करेंगे कि यह 5 रुपए का नाश्ता और 10 रुपए का भोजन कब प्राप्त होगा? जब यह खबर आई थी तब मैंने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था और आज अंतिम वर्ष तक यह सुविधा नहीं मिल पाई। सितंबर 2021 को सुर्खियों वाली हवाबाजी का अबतक कुछ अता पता नहीं है।

Arun Kumar Mishra

@IamArunMishra1

5 रुपए में नाश्ता और 10 रुपए में भोजन कराने वाले विवि में 5 रुपए में चाय तक नहीं मिल रही।

यूनिवर्सिटी का नहीं मिला जवाब

5 रुपए में नाश्ता और 10 रुपए में भोजन वाली योजना की मौजूदा स्थिति को लेकर यूनिवर्सिटी के मीडिया एवं जनसंपर्क कार्यालय से जवाब लेने की कोशिश की गई, मगर उनका जवाब नहीं मिला।