गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर के वरिष्ठ क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया, इस खगोलीय घटना को नक्षत्र शाला में विशेष दूरबीनों के जरिए दिखाया गया। विद्यार्थियों और आमजन मानस में खगोल विज्ञान के प्रति रुचि भी बढ़ी है। हालांकि, इस बीच अचानक मौसम का मिजाज बदल गया और यह अद्भुत नजारा 5.16 बजे ही खत्म हो गया।

करना होगा 18 साल इंतजार

इससे पहले साल 2004 दिसंबर में यह खगोलीय घटना देखने को मिली थी। अब 18 साल बाद इस अद्भुत खगोलीय घटना को 24 जून को देखा गया। जो लोग यह अद्भुत नजारा नहीं देख पाए हैं, उन्हें अब इसके लिए 2040 तक इंतजार करना पड़ेगा।

पूर्व से लेकर दक्षिण पूर्व के आकाश में दिखा नजारा

यह नजारा पूर्व से लेकर दक्षिण पूर्व के आकाश में दिखा। नक्षत्र शाला के खगोलविद अमर पाल सिंह ने ग्रहों की परेड के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, जब दो या दो से अधिक ग्रह एक सीध में आ जाते हैं, तो इसे प्लेनेटरी परेड कहा जाता है। कुछ सालों के अंतराल पर दो या तीन ग्रह एक सीध में आते हैं। इस बार 24 जून को 5 ग्रहों का एक सीधी रेखा में आना दुर्लभ खगोलीय घटनाओं में से एक है। चंद्रमा के मंगल और बृहस्पति के बीच में आने से यह नजारा और भी ज्यादा खूबसूरत दिखने लगा।

चंद्रमा ने बढ़ाई खूबसूरती

सूर्य का चक्कर लगाने के क्रम में बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति एवं शनि ग्रह एक सीध में आ गए। मंगल और बृहस्पति के बीच में चंद्रमा के आ जाने से इसकी खूबसूरती और भी बढ़ गई। इसी प्रकार हमारे सौरमंडल के सभी 8 ग्रहों का एक सीधी रेखा में आना बहुत ही दुर्लभतम खगोलीय घटना होती है। यह सैकड़ों साल में एक बार ही घटित होती है। अब यह घटना 470 साल बाद सन 2492 में घटित होगी।