गोरखपुर (ब्यूरो)। बुधवार को एचयूआरएल परिसर में एमडी एके गुप्ता ने मीडिया को बताया कि खाद कारखाना के निर्माण में आठ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए हैं। काम पूरा हो चुका है। पीएम के आने के पहले एक बार ट्रायल कर नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन किया जाएगा। एचयूआरएल को देश में तीन बड़े खाद कारखाना के निर्माण का काम सौंपा गया था। तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपए के इन प्लांटों में से गोरखपुर का प्लांट शुरू होने जा रहा है। दो अन्य प्लांट पर अगले साल अप्रैल से पहले शुरू हो जाएंगे। प्लांट में बना प्रीलिंग टॉवर विश्व में सबसे ज्यादा ऊंचा है। प्रीलिंग टॉवर से खाद के दाने नीचे आएंगे तो इनकी क्वालिटी सबसे अच्छी होगी। नीम कोटेड यूरिया से खेतों की उर्वरा शक्ति और बढ़ेगी।

प्रबंधन निदेशक ने बताया, एचयूआरएल ने 2 ऑक्सीजन प्लांट, सामुदायिक भवन, 24 करोड़ की लागत से बच्चों के लिए आईसीयू, 12 स्कूलों में शुद्ध पेयजल, सोनबरसा में 13 करोड़ की लागत से मॉडल गांव, रामगढ़ताल का सुंदरीकरण कर मुंबई के मरील ड्राइव की तरह बनाने समेत अन्य कार्य कराए हैं।

एमडी ने कहा, 45 किलोग्राम वजन की नीम कोटेड यूरिया की कीमत 266.50 रुपए तय की गई है। इसे हर हाल में इसी दर पर बेचना होगा। एचयूआरएल प्रबंधन लगातार बिक्री की मानीटरिंग करेगा। एमडी गुप्ता ने बताया कि 22 जुलाई 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने खाद कारखाना का शिलान्यास किया था। कोरोना संक्रमण की दो लहर के कारण थोड़ी देर हुई। इसके बाद भी 46 महीने में काम पूरा करा लिया गया। खाद कारखाना में 13 लाख टन नीम कोटेड यूरिया का हर साल उत्पादन होगा।

लड़कियों के हाथ होगी कमान

एचयूआरएल के एमडी ने बताया कि खाद कारखाना में 30 फीसदी से ज्यादा पूर्वांचल के युवाओं को जॉब दी गई है। इनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है। कहा कि यहीं लड़कियां खाद कारखाना चलाएंगी। रात में भी लड़कियां काम करेंगी।

हिन्दुस्तान यूरिया रसायन लिमिटेड एचयूआरएल खाद कारखाना खुलने से गोरखपुर का नाम और कद दोनों बढ़ा है। यहां पर काम करने का मौका मिला है। 2019 में ज्वाइन किया और 2020 में साइड पर काम करना शुरू किया है। अपने शहर में कुछ बड़ा हो रहा है। बहुत ही एक्साइडेट हूं। हम लोग मिलकर एक अच्छा उदाहरण पेश करेंगे।

सुचि त्रिपाठी, आर्यनगर गोरखपुर

मैं यूरिया प्लांट में हूं। पीएम से पहली बार मिलने का मौका मिलेगा। छोटे से शहर देवरिया के बरहज से हूं। गोरखपुर में खाद कारखाना में काम करने का बेहतर प्लेटफार्म मिला है। मेहनत और लगन के साथ कार्य किया जाएगा।

अनुराधा जायसवाल, बरहज देवरिया

कड़ी मेहनत व विवेक के बल पर सफलता प्राप्त की है। मैं अमोनिया प्लांट में पोस्टेड हूं। मैं डायरेक्ट कॉलेज से यहां आई हूं। मैं नाइट शिफ्ट में काम करूंगी। पूरा सपोर्ट मिल रहा है। ब्वायज के साथ मिलकर काम करेंगे। खाद कारखाना खुलने से गोरखपुर का मान बढ़ा है। हम लोगों को यहां पर काम करने का मौका मिला है, जिसे सफल बनाया जाएगा।

अंकिता चौधरी, जयपुर

20 नवंबर को मैंने ज्वाइन किया। बहुत ही एक्साइटेड हूं। प्लांट में नई नई चीजें सीखने का मौका मिलता है। हमें खुशी होती है कि हम लोग देश के किसानों के लिए काम करेंगे। हम लोग कड़ी मेहनत के साथ इस प्लांट को आगे बढ़ाने के साथ गोरखपुर का नाम रोशन करेंगे।

प्रिया यादव, कानपुर

मैं गोरखपुर से हूं। मेरा पिछले चार साल का अनुभव है। मेरे लिए गौरव की बात है। सात दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी खाद कारखाने का उदघाटन करेंगे। यह हम लोगों के लिए गौरव की बात है। पहले से ही हम लोग काफी एक्साइडेट हैं। हम लोगों को यहां काम करने का एक अच्छा प्लेटफार्म मिला है।

ऐश्वर्या शाही, गोरखपुर