- एसएसपी की सख्ती के बावजूद जारी मनमानी

- घटनाओं की सूचना देने में बरत रहे लापरवाह

GORAKHPUR: खोराबार थाना पर थाने पर ही दावत में दारू पीने के बाद दरोगा और सिपाहियों ने आपस में मारपीट कर ली। जमकर हाथा-पाई हुई। घटना के बाद दावत-पार्टी पर रोक लगा दी गई। इसके अलावा किसी तरह के गंभीर प्रकरण की सूचना तत्काल अफसरों को देने के निर्देश जारी हुए। लेकिन चंद दिनों के भीतर थानेदारों और चौकी प्रभारियों ने आदेश-निर्देश को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। अब आलम यह है कि छोटे-मोटे केस हों या फिर बड़े मामले, थाना और चौकी प्रभारी पहले खुद ही मामले को मैनेज करने की जद्दोजहद में जुट गए हैं। मामलों को पचाने में माहिर और खुद को थाने का कप्तान समझ लेने वाले थानेदार और चौकी इंचार्ज कार्रवाई तो दूर सीनियर अफसरों को सूचना देने से परहेज कर रहे हैं। शाहपुर और झंगहा में सामने आए मामलों को देखते हुए डीआईजी-एसएसपी ने सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। शाहपुर एरिया में गैंग रेप प्रकरण में सूचना छिपाने, लापरवाही बरतने और पीडि़त को टरकाने के मामले में कार्रवाई हो चुकी है। झंगहा में थाने के भीतर गोली चलने का मामला पचाने वाले थानेदार पर अब कार्रवाई की तलवार लटकी है।

कोई कार्रवाई नहीं

पब्लिक की सुरक्षा और मदद के लिए कहने को तो कई तरह सुविधाएं दी जा रही हैं। शासन की तरफ से जारी गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि हर पीडि़त की समुचित मदद की जाए। थाने और पुलिस चौकी पर फरियाद लेकर पहुंचने वालों की बात सुनकर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित हो। सीनियर अफसर रेग्युलर मीटिंग में शासन का आदेश अपने मातहतों तक पहुंचा भी दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी कई थानेदार और चौकी इंचार्ज थानों पर आने वाली शिकायतों को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं और अप्लीकेशन या किसी तरह की सूचना मिलने पर भी घोर लापरवाही बरतते हुए मामलों को किसी तरह से सलटाने की कोशिश शुरू हो जा रही है।

पब्लिक की क्या सुनेंगे?

थाना क्षेत्र में होने वाली घटनाओं की सूचना मिलने पर थानेदार लापरवाही कर रहे हैं। सीधे पहुंचने वाली शिकायतों और सूचनाओं को मैनेज करने की कोशिश की जा रही है। हालत यह हो गई कि निर्देशों पर ताख पर रखते हुए एसएचओ-एसओ बड़ी घटनाओं की सूचना देने से परहेज कर रहे हैं। खोराबार थाना में दावत के दौरान पुलिस कर्मचारियों के बीच मारपीट होने पर एसएसपी से सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी थानेदार मनमानी पर उतारू हैं। अब तो कहा जा रहा है कि जो अपने एसएसपी को सूचना नहीं दे रहे। वह पब्लिक की क्या बात सुनेंगे।

नशे में धुत होकर खोराबार थाना में की मारपीट

31 जनवरी 2021 को खोराबार थाना में दरोगा के रिटायमेंट पर पुलिस कर्मचारियों ने पार्टी रखी। एक ठेकेदार की मदद से दावत का आयोजन किया गया। रात में खाने-पीने के बाद दरोगा और सिपाहियों के बीच मारपीट हो गई। घटना की सूचना रात में इंस्पेक्टर नासिर हुसैन ने किसी सीनियर अफसर को नहीं दी, हालांकि विवाद का एक वीडियो एसएसपी तक पहुंच गया। दूसरे दिन इंस्पेक्टर सफाई देने एसएसपी के पास पहुंचे, लेकिन उन्होंने खूब फटकार सुननी पड़ी। इस मामले में एसआई अश्वनी कुमार यादव, रविसेन यादव, हेड कांस्टेबल मनोज सिंह, कांस्टेबल मुकेश यादव और कांस्टेबल ड्राइवर राजेश यादव के खिलाफ कार्रवाई हुई। एसएसपी ने सभी को सस्पेंड कर दिया। इंस्पेक्टर नासिर हुसैन के खिलाफ भी विभागीय जांच के निर्देश भी दिए, हालांकि बाद में यह मामला रफा-दफा हो गया।

इन मामलों में हुई पुलिस की फजीहत -

गैंग रेप को पचा गई शाहपुर पुलिस

शाहपुर एरिया में किशोरी से गैंग रेप, हड़हवा पुलिस चौकी पर सूचना देने के बावजूद इंचार्ज ने कार्रवाई नहीं की। पीडि़त को घर पहुंचा दिया। दूसरे दिन वीडियो वायरल होने पर एसएसपी को घटना की जानकारी हुई। इस मामले में सख्ती बरतते हुए उन्होंने दरोगा और सिपाही के खिलाफ भी कार्रवाई। तब हरकत में आई पुलिस गैंग रेप के आरोपितों को अरेस्ट करके भेज सकी।

झंगहा में असलहे से चली गोली, नहीं दी सूचना

झंगहा थाना में असलहा जमा कराने गए एक व्यक्ति को गोली लग गई। पैर में लगी गोली पार हो गई। घटना के बाद थानेदार ने किसी को सूचना नहीं दी। अपने स्तर से मामले को मैनेज करने में जुट गए। उन्होंने पीडि़त को शहर के नर्सिग में होम भेजकर उपचार कराया। हालत में सुधार होने पर घर पहुंचा दिया। तीन दिनों के बाद इसकी जानकारी एसएसपी को हुई तो उन्होंने मामले में जांच का निर्देश दिया।

क्या होता है नुकसान

- थानों पर घटनाओं को दबाने की कोशिश करने से पुलिस की छवि खराब होती है।

- पब्लिक का भरोसा खत्म होता है, जबकि लगातार पुलिस को फ्रेंडली बनाने की कोशिश की जा रही है।

- सीनियर पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने पर थानेदार और चौकी इंचार्ज एक्टिव होते हैं।

- पीडि़तों की बात न सुने और मामले दबाने की कोशिश करने से लोग परेशान होकर भटकते हैं।

- पुलिस कर्मचारियों की अनुशासनहीनता बढ़ती है। उनके बेलगाम होने से पब्लिक संग बदसलूकी बढ़ती है।

जो भी मामले सामने आए हैं। उनमें कार्रवाई की गई है। सभी थानेदारों और चौकी प्रभारियों को सख्त हिदायत दी गई है। सभी को लगातार ब्रीफ किया जा रहा है। पुलिस की छवि खराब करने और पब्लिक का भरोसा तोड़ने वाले पुलिस कर्मचारियों को दंडित भी किया जा रहा है।

जोगेंद्र कुमार, डीआईजी-एसएसपी