- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से अपनी ताकत का अंदाजा लगाएंगी राजनीतिक पार्टियां

-चुनाव के परिणामों के बाद विधान सभा की सीटों के लिए बनेगी रणनीति

-जातीय समीकरणों के अलावा जिला पंचायत सदस्यों को मिले वोटों का बनाएंगे समीकरण

GORAKHPUR: प्रदेश के राजनीतिक दल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को विधानसभा का सेमीफाइनल मान रहे हैं। इस चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों के 73 सीटों पर आए परिणामों के बाद राजनीतिक दल जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर पार्टी के वोट बैंक का अंदाजा लगाएंगे।

बनाएंगे कमेटी

बसपा, भाजपा, सपा और कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर एक कमेटी बनाकर बारीकी से नजर रखेंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को जातीय समीकरण का गड़बड़ा जाना है। वहीं जो कैंडिडेट अपनी खुद की लोकप्रियता के आधार पर चुनाव जीतकर आएंगे, राजनीतिक दल उनको विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देंगे।

विचारधारा से जुड़े ग्रामप्रधानों पर रहेगी नजर

इस पंचायत चुनाव में 73 जिला पंचायत सदस्यों के अलावा नगर निगम के पार्षदों की तरह विचारधारा से जुडे़ 1354 ग्राम प्रधानों पर भी नजर रहेगी। प्रदेश में एक तरफ जहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी चल रही है, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक दल अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं। इसको देखते हुए बदले राजनीतिक माहौल में पार्टियां तैयारी में लगी हैं।

वर्जन

पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी ओम माथुर का निर्देश है कि पार्टी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को चुनौती के रूप में ले। पार्टी पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव की तैयारी मान रही है। भाजपा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभाएगी। सभी 73 जिला पंचायत सदस्यों की सीटों पर पार्टी प्रत्याशी उतारेगी। कैंडिडेट फाइनल करने के लिए बैठकें शुरू हो गई हैं। निश्चित रूप से यह चुनाव विधानसभा चुनाव की तैयारी है।

-जनार्दन तिवारी, जिलाध्यक्ष भाजपा

पंचायत चुनाव का विधानसभा चुनाव से ज्यादा मतलब नहीं होता है। इस चुनाव में राजनीतिक दल कैंडिडेट्स को सिंबल भी नहीं देते हैं, लेकिन राजनीतिक दल पार्टी और विचारधारा से जुड़े लोग पार्टी समर्थित कैंडिडेट को ही वोट देते हैं। इससे निश्चित रूप से विधानसभा का कुछ अंदाजा लगाया जा सकेगा। बहुजन समाज पार्टी सभी 73 जिला पंचायत सदस्यों की सीटों पर पार्टी समर्थित उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।

-लालजी भारती, जोनल कोआर्डिनेटर बसपा

पार्टी ने चार महीने पहले से ही विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। पंचायत चुनाव से ही पार्टी अपने कार्यो को पब्लिक तक चहुंचने का पैमाना मानेगी। निश्चित रूप से ये चुनाव विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल है। पार्टी इसे इसी रूप में ले रही है। इस चुनाव में पार्टी अपना कैंडिडेट तय नहीं करेगी। जो पार्टी कार्यकर्ता जीत कर आएंगे वो और जो हार कर आएंगे सभी स्वीकार होंगे। इस चुनाव से जनता में पार्टियों की इमेज का कुछ अंदाजा तो लगेगा ही।

-मनुरोजन यादव, जिला महामंत्री, सपा