-स्कूलों में टीचर्स के पास आ रही पैरेंट्स की कॉल

-हाई स्कूल में थ्योरी में फेल और प्रैक्टिकल नम्बर जोड़कर पास हुए स्टूडेंट हो सकते हैं फेल

GORAKHPUR: 'प्लीज सर मेरे बेटे का साल बर्बाद न होने पाए। प्लीज देख लीजिएगा। तमाम पैरेंट्स स्कूलों में कॉल करके ऐसी मिन्नतें कर रहे हैं। सीबीएसई बोर्ड ने सभी स्कूलों से स्टूडेंट्स का तीन साल का डाटा मांग लिया है। हाईस्कूल और इंटर का रिजल्ट जल्द तैयार करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके बाद उन बच्चों की टेंशन बढ़ गई है, जिनकी पिछली क्लासेज में परफॉर्मेस खराब थी। अब उनके पैरेंट्स भी बच्चों का साल बचाने के लिए अभी से स्कूलों में पैरवी शुरू कर दी है।

तो फेल हो जाएंगे स्टूडेंट

-सीबीएसई बोर्ड ने स्टूडेंट को प्रमोट करने के जबसे पिछले तीन साल का रिकॉर्ड मांगा है। सभी स्कूल जोर शोर से इस काम लग गए हैं।

-ऐसे स्टूडेंट जो हाई स्कूल में थ्योरी में फेल और प्रैक्टिकल के नम्बर जोड़कर पास होकर अगली क्लास में चले गए थे। अब उनके लिए इंटर पास हो पाना मुश्किल होगा।

-वहीं कई ऐसे स्टूडेंट भी हैं जो इंटर फ‌र्स्ट ईयर में हाफ ईयरली एग्जाम में फेल हो गए थे। बाद में सभी बच्चों के साथ उन्हें प्रमोट कर दिया गया।

-ऐसे स्टूडेंट्स के लिए भी इंटरमीडिएट पास हो पाना टेड़ी खीर साबित होगा।

स्कूल नहीं कर सकते मनमानी

सीबीएसई ने पहले ही साफ कर दिया है कि स्कूलों के लिए रिजल्ट का बेस पिछला परफॉर्मेस ही होगा। अगर किसी स्कूल में पिछली बार 20 बच्चे 90 परसेंट मा‌र्क्स के साथ इंटर में पास हुए थे तो इस बार भी उतरे ही बच्चे इतने परसेंट नंबर से इंटर में पास होंगे। उसी तरह अगर पूरे स्कूल में 90 परसेंट बच्चे पास हुए थे तो ठीक उसी तरह इस बार भी स्टूडेंट के पास होने रेशियो रहेगा। इसमें कोई स्कूल मनमानी भी नहीं कर सकते हैं।

नहीं बनेगा सौ परसेंट रिजल्ट

बोर्ड के नियम के अनुसार ये तो तय हो गया है कि भले ही हाई स्कूल और इंटर के स्टूडेंट प्रमोट किए जाएंगे, लेकिन सभी बच्चे प्रमोट नहीं होंगे। पिछली क्लास में प्री बोर्ड या एनुअल एग्जाम स्टूडेंट्स का परफॉर्मेस उनके रिजल्ट पर इस बार भी असर डालेगा।

मिलेगा एक और मौका

हालांकि जितने बच्चे बोर्ड एग्जाम की मार्किंग से संतुष्ट नहीं होंगे, वे इसकी कम्प्लेन कर सकते हैं। बोर्ड उनके लिए अलग से एग्जाम ऑर्गनाइज कराएगा। इसमें वो स्टूडेंट जो फेल हो जाते हैं वे भी आवेदन कर सकते हैं।

वर्जन

स्कूल को अपने पिछले साल रिजल्ट को ध्यान में रखकर ही डाटा तैयार करना है। बहुत से पैरेंट्स को लग रहा है कि उनकी पैरवी से कुछ हो सकता है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। बोर्ड का ऐसा फॉर्मेट है कि उसमें कोई फेरबदल नहीं कर सकता।

-अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन